गिरिडीह, मृणाल सिन्हा : गिरिडीह पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में एक बार फिर से सफलता हासिल की है. इस बार पुलिस ने साइबर अपराध में संलिप्तता के आरोप में 9 ऐसे शातिरों को गिरफ्तार किया है, जो लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देते थे. ये बजाज फाइनेंस कंपनी का कर्मी बनकर, वर्क फॉर होम का झांसा देकर, सेक्सटॉर्शन के जरिए और एस्कॉर्ट सप्लायर बनकर पैसे ठगने का काम करते थे. गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से पुलिस ने 25 मोबाइल फोन, 28 सिम कार्ड, 23 एटीएम कार्ड, 17 बैंक पासबुक, 4 पैन कार्ड और 13 आधार कार्ड बरामद किए है.
मामले की जानकारी गिरिडीह के एसपी दीपक कुमार शर्मा ने दी. उन्होंने बताया कि प्रतिबिंब पोर्टल के माध्यम से लगातार सूचना मिल रही थी कि जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र में साइबर अपराधी अलग-अलग तरीकों से लोगों को चूना लगाने का काम कर रहे हैं. इसी के बाद डुमरी एसडीपीओ सुमित प्रसाद के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया, जिसमें प्रशिक्षु डीएसपी कैलाश महतो, साइबर थाना प्रभारी अजय कुमार, पुलिस निरीक्षक ज्ञान रंजन कुमार, पुअनि गौरव कुमार, सावन कुमार साहा, सअनि संजय मुखियार, गजेंद्र कुमार, सौरभ सुमन, साकेत और जितेंद्र नाथ महतो को शामिल किया गया. इसके बाद पुलिस की टीम ने अलग-अलग थाना क्षेत्र में छापेमारी कर कुल 9 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है.
पुलिस ने जिन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, उसमें जमुआ थाना क्षेत्र के भूपतडीह का रहने वाला चंदन कुमार, मोती कुमार साह, हीरोडीह थाना क्षेत्र के चुंगलखार का शैलेंद्र कुमार सिंह, देवरी थाना क्षेत्र का अभिषेक कुमार मिश्रा, सरिया थाना क्षेत्र के नगर केशवारी का राजू मंडल, विकास कुमार मंडल, डुमरी थाना क्षेत्र के जामतारा का मोहम्मद सिराज, जमुआ थाना क्षेत्र के परगोडीह का सिकंदर कुमार राय और हजारीबाग जिला के गोरहर थाना क्षेत्र का दीपक कुमार शामिल है.
गिरिडीह एसपी ने बताया कि साइबर अपराध के इस पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड चंदन कुमार है, जो बजाज फाइनेंस कंपनी का फर्जी बैंक कर्मी बनकर लोगों को ठगने का काम करता था. साथ ही इसके नेतृत्व में जितने भी साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है, वह काफी नए तरीके से लोगों को चूना लगाने का काम कर रहे थे. एसपी ने बताया कि ये सभी साइबर अपराधी लोगों को नौकरी का झांसा देकर, गूगल पर अपना नंबर अलग-अलग कंपनियों के साइट पर पंच करके, कॉल आने पर सेक्सटॉर्शन करके और स्कॉट सप्लायर बनाकर पैसे ठगी करते थे. इसके अलावे ये लोग वर्क फ्रॉम होम का झांसा देकर फर्जी सिम के माध्यम से लोगों को चूना लगाते थे.
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