असली शिवसेना मामले में उद्धव ठाकरे गुट को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने सोमवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को असली राजनीतिक दल घोषित करने के महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी. शिंदे के अलग होने के बाद जून 2022 में शिवसेना में विभाजन हो गया था.
उद्धव ठाकरे गुट की याचिका को सूचीबद्ध करेगा सुप्रीम कोर्ट
ठाकरे गुट की याचिका सोमवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी लेकिन समय की कमी के कारण दिन में मामले पर सुनवाई नहीं हो सकी. ठाकरे गुट की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ से कहा, एकनाथ शिंदे गुट को जवाब दाखिल करने दीजिए. पूर्व में नोटिस जारी किया गया था. चीफ जस्टिस ने कहा, हम इसे सूचीबद्ध करेंगे.
शिंदे गुट के वकील ने सुनवाई टलने की बचाई असली वजह
इस बीच, शिंदे गुट की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि चूंकि इस मुद्दे पर एक याचिका बंबई हाई कोर्ट में भी लंबित है, इसलिए दो अदालतों में एक साथ कार्यवाही नहीं चल सकती. इससे पहले, पांच फरवरी को चीफ जस्टिस के नेतृत्व वाली पीठ ने ठाकरे गुट की याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की थी.
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उद्धव ठाकरे ने शिंदे पर असंवैधानिक रूप से सत्ता पर कब्जा करने का लगाया आरोप
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे गुट का आरोप है कि एकनाथ शिंदे ने असंवैधानिक रूप से सत्ता पर कब्जा किया और वह महाराष्ट्र में असंवैधानिक सरकार” का नेतृत्व कर रहे हैं. विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने 10 जनवरी को पारित अपने आदेश में शिंदे सहित सत्तारूढ़ खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की ठाकरे गुट की याचिका को भी खारिज कर दिया था.