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सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार को जारी किया नोटिस, कही ये बात….

झारखंड सरकार तीन साल में जेटेट परीक्षा आयोजित नहीं करती है, तो अभ्यर्थियों पर यह शर्त लागू नहीं होगी. अभ्यर्थियों को सहायक आचार्य परीक्षा की तैयारी के लिए तीन माह का समय दिया जायेगा.

रांची : झारखंड प्रारंभिक सहायक आचार्य संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में सीटेट व पड़ोसी राज्य से टेट पास अभ्यर्थियों को शामिल करने के मामले में दायर एसएलपी पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. जस्टिस संजय करोल व जस्टिस अरविंद कुमार की खंडपीठ ने प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद झारखंड सरकार को नोटिस जारी कर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी. इससे पूर्व प्रार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण व झारखंड हाइकोर्ट के अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि झारखंड हाइकोर्ट ने दिसंबर 2023 में जनहित याचिका में आदेश पारित किया था. सीटेट उत्तीर्ण व पड़ोसी राज्यों से टेट पास करनेवाले झारखंड के स्थानीय निवासी अभ्यर्थियों को सहायक आचार्य संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल करने का आदेश दिया था. इस तरह का नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार झारखंड हाइकोर्ट के पास नहीं है. यह गलत है. झारखंड की क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा संथाली, खोरठा, नागपुरी, हो, कुड़माली आदि का ज्ञान जेटेट अभ्यर्थियों को है, क्योंकि उन्होंने इसकी परीक्षा दी है, लेकिन सीटेट अभ्यर्थियों के पास क्षेत्रीय भाषा के रूप में हिंदी या अंग्रेजी विषय का ही ज्ञान है. जब सीटेट पास शिक्षकों की नियुक्ति राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में होगी, तो उन्हें स्थानीय भाषा में बच्चों को शिक्षा देने में परेशानी होगी. यह शिक्षा के अधिकार अधिनियम का भी उल्लंघन होगा. उन्होंने हाइकोर्ट के आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि जेटेट पास अभ्यर्थी परिमल कुमार व अन्य 1300 अभ्यर्थियों की ओर से एसएलपी दायर की गयी है. उन्होंने झारखंड हाइकोर्ट के फैसले को चुनाैती देते हुए इसे निरस्त करने की मांग की है.

हाइकोर्ट ने क्या कहा था

झारखंड हाइकोर्ट ने 22 दिसंबर 2023 को सीटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ व अन्य की जनहित याचिका में आदेश पारित कर कहा था कि सीटेट उत्तीर्ण व पड़ोसी राज्यों से टेट पास करनेवाले झारखंड के स्थानीय निवासी अभ्यर्थियों को सहायक आचार्य संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल किया जाये. यदि वैसे अभ्यर्थियों की शिक्षक पद पर नियुक्ति हो जाती है, तो उन्हें तीन वर्ष के अंदर प्रथम प्रयास में ही जेटेट परीक्षा पास करनी होगी. यदि झारखंड सरकार तीन साल में जेटेट परीक्षा आयोजित नहीं करती है, तो अभ्यर्थियों पर यह शर्त लागू नहीं होगी. अभ्यर्थियों को सहायक आचार्य परीक्षा की तैयारी के लिए तीन माह का समय दिया जायेगा.

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