राजद सुप्रीमाे लालू प्रसाद यादव के साले व पूर्व सांसद सुभाष यादव के घर मंगलवार को पटना पुलिस बुलडोजर लेकर पहुंच गई. सुभाष यादव का अपना आलीशान घर कौटिल्य नगर की विधायक कॉलोनी में स्थित हैं. जहां पुलिस बुलडोजर लेकर संपत्ति को कुर्क करने पहुंची थी. लेकिन जब सुभाष यादव को इस बात की सूचना मिली तो वो भागे-भागे पटना सिविल कोर्ट पहुंचे. जहां उन्होंने एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर कर दिया. इसके बाद उन्हें कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया है.
कुछ दिन पहले चस्पा किया गया था इश्तेहार
दरअसल, कुछ दिन पहले ही सुभाष यादव के निजी आवास पर बिहटा थाने की पुलिस ने एक इश्तेहार चस्पा किया था. पुलिस ने ढाेल-नगाड़े के साथ इश्तेहार को उनके आवास पर चिपकाया था. पुलिस ने माइकिंग कर यह भी बताया था कि अगर 30 दिन के अंदर में सुभाष यादव हाजिर नहीं होते हैं तो फिर उनकी संपत्ति की कुर्की-जब्ती कर दी जायेगी. सुभाष यादव सहित सात के खिलाफ चार मई 2023 को नेऊरा के बेला निवासी भीम शर्मा ने बिहटा थाने में कांड संख्या 425/23 दर्ज कराया था.
क्या है आरोप
भीम ने आरोप लगाया था कि उनकी नेऊरा की सात कट्ठा जमीन की रजिस्ट्री मेरी मां ने सुभाष यादव की पत्नी रेणु देवी के नाम से 26 फरवरी, 2021 काे कर दी थी और इसके एवज में उन्हें 96 लाख रुपये प्राप्त हुए थे. इसके बाद सुभाष यादव ने अपने लोगों को भेज कर रजिस्ट्री के अगले दिन 27 फरवरी काे मां व भाई काे अपने काैटिल्य नगर स्थित आवास पर बुलवाया. इसके बाद दोनों को बंधक बना कर 60.50 लाख रुपये ले लिये और यह कहा कि जमीन वापस कर देंगे, लेकिन न तो जमीन वापस मिली और न ही पैसे वापस मिले.
कौन हैं अभियुक्त
इस केस में सुभाष, सुभाष की पत्नी रेणु देवी, सुभाष के बेटे रंधीर यादव, बेला गांव के पंकज सिंह, अरुण कुमार उर्फ मुंशी व अर्जुन राय अभियुक्त हैं. दानापुर की एएसपी दीक्षा ने बताया कि बिहटा थाने में दर्ज एक केस के मामले में कुर्की-जब्ती का आदेश प्राप्त हुआ था. उसी पर कार्रवाई करने के लिए पुलिस टीम पहुंची थी. लेकिन जानकारी मिली कि उन्होंने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है, तो कुर्की-जब्ती की कार्रवाई को रोक दी गयी.
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मुख्यमंत्री के जनता दरबार में जाने के बाद दर्ज हुआ था केस
भीम शर्मा की पुश्तैनी जमीन नेऊरा-खगाैल राेड पर है. रकम के साथ ही जमीन हाथ से जाने के बाद उन्होंने बिहटा थाने में शिकायत की. लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला और उन्होंने जब मुख्यमंत्री के जनता दरबार में जाकर शिकायत की, तो बिहटा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.