Explainer : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से कोसों दूर स्थित उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में विगत कुछ दिनों से तनाव व्याप्त है, जो बंगाल ही नहीं बल्कि आसपास के सभी राज्यों में चर्चा का केंद्र बन गया है. आखिर क्यों और किस कदर संदेशखाली सुलगा, इसके पीछे कई कारण है. आइये जानते हैं-
लंबे समय से वहां के लोगों पर अत्याचार किया जा रहा था. ऐसा गांव वालों का आरोप है. उनका यह भी आरोप है कि उनकी जमीनें छीन कर उस पर कब्जा कर लिया गया. विरोध करने पर उन हमले किये जा रहे थे. महिलाओं पर अत्याचार किया जा रहा था. लोगों का यह आक्रोश धीरे-धीरे आंदोलन में तब्दील हो गया. गत पांच जनवरी को ईडी ने राशन भ्रष्टाचार के मामले में संदेशखाली के सरबेड़िया में तृणमूल नेता शेख शाहजहां के आवास पर छापेमारी की. इसके बाद से शेख शाहजहां फरार हो गया था. फिर धीरे-धीरे उसके खिलाफ लोगों ने आवाज उठानी शुरू कर दी. देखते देखते लोग खुलकर सामने आने लगे और यह विरोध गुस्से की आग में तब्दील हो गया. – बता दें कि विगत सात फरवरी से संदेशखाली में तनाव है. लोग शेख शाहजहां और उसके सहयोगी शिबू हाजरा को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. संदेशखाली में लगातार महिलाओं का विरोध जारी है. उनकी मांग है कि शेख शाहजहां की जल्द गिरफ्तारी की जानी चाहिए.
राशन भ्रष्टाचार के मामले की जांच करने गये ईडी व केंद्रीय जवानों पर गत पांच जनवरी को हुए हमले के 33 दिनों के बाद 7 फरवरी को उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में फिर से हंगामा हुआ. इस बार का हंगामा तृणमूल समर्थकों के खिलाफ गांववालों का था. इस दौरान तृणमूल समर्थकों और गांव के एक गुट में मारपीट भी हुई. इसमें दोनों तरफ के 13 लोग जख्मी हो गये थे. जानकारी के मुताबिक, केंद्र द्वारा बंगाल को बकाया फंड से वंचित करने का आरोप लगाकर तृणमूल ने संदेशखाली के त्रिमोहानी बाजार में जनजाति समुदाय के एक वर्ग के साथ एक रैली निकाली थी. इसमें शेख शाहजहां के जयकारे लगाने के बाद ही हंगामा शुरू हुआ था.
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संदेशखाली में शुरू हुआ हंगामा धीरे-धीरे बड़ा होता गया. वहां की महिलाएं लाठी-डंडे और बांस के साथ सड़क पर उतर आईं. इस बार उनकी सीधी मांग थी कि तृणमूल के स्थानीय नेता शेख शाहजहां, ब्लॉकअध्यक्ष शिवप्रसाद हाजरा और उनके साथी उत्तम सरदार को गिरफ्तार किया जाये. संदेशखाली के लोग गुस्से से उबल रहे हैं. विशेषकर महिलाएं शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग करते हुए फिर से सड़कों पर उतर आईं. आरोप है कि शाहजहां ने पार्टी के नाम पर गांव वालों पर लम्बे समय तक जो अत्याचार किया है. ऐसे में महिलाओं की मांग है कि उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिये.
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इसके बाद गुस्सा इतना बढ़ता गया कि दूसर दिन तृणमूल कांग्रेस के नेता शेख शाहजहां और उसके साथियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर लोगों ने हिंसक प्रदर्शन शुरु कर दिया.आक्रोशित लोग हाथों में डंडा व झाड़ू लिये संदेशखाली के अलग-अलग इलाकों में जुलूस निकाल रहे थे. लोगों का आक्रोश चरम पर पहुंच गया था. शाहजहां के सहयोगी माने जानेवाले शिवप्रसाद हाजरा उर्फ शिबू हाजरा के घर में तोड़फोड़ की और लकड़ी के कुछ सामानों में आग लगा दी. जेलियाखाली में हाजरा के तीन फोल्ट्री फार्म फूंक दिये. प्रदर्शनकारी शेख शाहजहां, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे.लोगों ने संदेशखाली थाने के बाहर भी प्रदर्शन किया. चेतावनी दी कि शाहजहां और उसके सहयोगियों की गिरफ्तारी तक प्रदर्शन जारी रहेगा.
पुलिस अधीक्षक हुसैन मेहदी रहमान ने बताया कि सुरक्षा बलों को इलाके में भेज दिया गया है और हालात पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है. ग्रामीणों ने शाहजहां और उसके सहयोगियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी, जिसकी जांच की जा रही है. फरार लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
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घटना के दो दिन बाद गत् 9 फरवरी की रात से संदेशखाली में धारा 144 लागू कर दिया गया था. इसके बाद से कई दिनों तक संदेशखाली ब्लॉक-2 के आठ ग्राम पंचायत इलाकों में दुकान-बाजार बंद रहे. इंटरनेट सेवाएं भी ठप रहींं. संदेशखाली थाना क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किये गये. इलाकों में पुलिस लगातार गश्ती लगा रही है. संदेशखाली जानेवाले सभी मार्गों (जल व सड़क) पर पुलिस कड़ी नजर रख रही है. सभी मुख्य मार्गों पर नाका चेकिंग लगायी गयी है. हालांकि आज हाईकोर्ट ने संदेशखाली में धारा 144 को खारिज करने का आदेश दिया है.स्थिति अब भी तनावपूर्ण है.
भाजपा का कहना है कि यह घटना लोगों के दबे हुए गुस्से का नतीजा है. भाजपा नेता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि संदेशखाली की घटना भविष्य में होने वाली घटनाओं की एक झांकी है. तृणमूल सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चलने वाली है. वहीं, माकपा नेता तन्मय भट्टाचार्य ने कहा कि सैकड़ों एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा और पुलिस की निष्क्रियता के कारण जनता का आक्रोश फूट पड़ा है.
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गत् शनिवार को जायजा लेने पहुंचे भाजपा प्रतिनिधिमंडल को संदेशखाली थाना जाने से पहले ही पुलिस ने रोक दिया था. भाजपा प्रतिनिधमंडल में नवद्वीप जिला भाजपा पर्यवेक्षक कृष्णेंदु मुखर्जी, बशीरहाट जिला भाजपा अध्यक्ष तापस घोष व नेता अर्चना मजूमदार समेत 25 लोग थे. सभी को पुलिस ने रामपुर के पास ही रोक कर हिरासत में ले लिया था. इस दौरान पुलिस के साथ काफी देर तक बहस हुई थी. पुलिस ने इलाके में धारा 144 होने के कारण रामपुर के पास सभी को रोक दिया था और गांव में जाने नहीं दिया गया था. भाजपा नेताओं ने कम से कम चार लोगों के लिए प्रवेश करने की अनुमति मांगी थी, जिसे पुलिस ने अस्वीकार कर दिया था.
आंदोलन के बाद पार्टी ने गत् शनिवार सुबह सख्त कदम उठाते हुए आरोपी उत्तम सरदार को उत्तर 24 परगना जिला परिषद सदस्य व तृणमूल के अंचल अध्यक्ष के पद से छह साल के लिए सस्पैंड कर दिया. यह घोषणा किये जाने के बाद कुछ ही घंटों में शनिवार देर शाम उत्तम सरदार को पुलिस ने संदेशखाली थाना क्षेत्र से ही गिरफ्तार किया. इधर गांव वालों का आरोप है कि संदेशखाली में हंगामे के प्रथम दिन ही उत्तम सरदार को गांव वालों ने पकड़ कर उसकी जमकर पिटाई की थी, इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे गांववालों से बचाकर हिरासत में लिया था.
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इधर, शनिवार को ही संदेशखाली में अशांति फैलाने के आरोप में एक भाजपा नेता विकास सिंह को गिरफ्तार किया गया. पुलिस के मुताबिक, संदेशखाली में विगत बुधवार से चल रहे अशांति के माहौल फैलाने में भाजपा के एक नेता पर आरोप लगाते हुए उसे गिरफ्तार किया गया है.
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राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने संदेशखाली में अशांत क्षेत्रों का दौरा किया और तृणमूल कांग्रेस के फरार नेता शेख शाहजहां और उसके साथियों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला प्रदर्शनकारियों से बात की थी. राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि उनकी कलाई पर राखी बांधने वाली सताई हुई महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए पूरी मदद की जायेगी. राज्यपाल ने स्थानीय महिलाओं से कहा कि चिंता मत कीजिए. आपको न्याय जरूर मिलेगा. महिलाओं को कहते सुना गया कि वह अपने लिए शांति और सुरक्षा चाहती हैं. वह और यह प्रताड़ना नहीं झेल सकतीं. राज्यपाल ने संवाददाताओं से कहा कि मैंने जो देखा वह भयावह, स्तब्ध करने वाला और मेरी अंतरात्मा को हिला देने वाला था.
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केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला था. उन्होंने टीएमसी सरकार पर संदेशखाली हिंसा को लेकर गंभीर आरोप लगाये थे. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तृणमूल के गुंडे लड़कियों का अपहरण कर रहे हैं और उन पर अत्याचार किया जा रहा है. ममता बनर्जी खुद महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद आखिर चुप क्यों है. शेख शाहजहां कहां है उसे ममता सरकार गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है. गौरतलब है कि संदेशखाली में पिछले कई दिनों से अशांत है. राज्यपाल बोस ने भी संदेशखाली का दौरा किया था. संदेशखाली में धारा 144 लगाई गई है ताकि महिलाएं अपनी आपबीती न बता सकें. संदेशखाली में बंगाली हिंदू महिलाओं पर हमला किया जा रहा है. क्या हम मूक दर्शक बने रह सकते हैं ?
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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार उचित कदम उठा रही है. राज्य महिला आयोग को भी वहां भेजा गया था. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है. मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के दौरे पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा, “आप जहां चाहें वहां जा सकते हैं.’ मैंने राज्य महिला आयोग को भी भेजा है. उन्होंने एक रिपोर्ट दी है. ममता बनर्जी ने आगे कहा, आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है. राज्य सरकार की ओर से 10 महिला पुलिस अधिकारियों की टीम गठित की गई है जो महिलओं से जाकर मिल रही है और उनकी समस्याएं जानने का प्रयास कर रही है.
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पश्चिम बंगाल में संदेशखाली का मामला गरमाते जा रहा है. एक बार फिर भाजपा नेता सुकांत मजूमदार के नेतृत्व में पुलिस अधीक्षक कार्यालय को घेरने की योजना थी. जिसके तहत जब वह बशीरहाट पहुंचे तो पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पहले बैरिकेड तोड़ा. पुलिस ने उन्हें जब रोकने की कोशिश की तो दोनों पक्षों में धक्का- मुक्की शुरु हो गई है. पुलिस को लाठी उठाए बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को खदेड़ते देखा गया. पानी की बौछार किया जा रहा है. भाजपा समर्थकों का कहना है कि पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया है. कई समर्थक घायल हो गये है.