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आज रेवती नक्षत्र और शुभ योग के संयोग में होगी मां सरसवती की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त व पूरी डिटेल्स

Basant Panchami 2024: आज रेवती नक्षत्र और शुभ योग के संयोग में मां सरसवती की पूजा होगी. आज बसंत पंचमी में सरस्वती पूजा के बाद नवजात शिशुओं का पारंपरिक विधि से अक्षरारंभ संस्कार होगा. आज से ही उनका विद्या - अध्ययन भी शुरू होगा.

Basant Panchami 2024: आज विद्या व बुद्धि की अधिष्ठात्री देवी माता सरस्वती की पूजा की जाएगी. मां सरस्वती की पूजा आज माघ शुक्ल पंचमी तिथि में रेवती नक्षत्र एवं शुभ सुयोग में होगी. यह योग के पर्व विद्या, बुद्धि, ज्ञान, संगीत व कला की अधिष्ठात्री देवी मां बागेश्वरी को समर्पित है. आज बसंत पंचमी पर रवियोग का शुभ संयोग रहेगा, श्रद्धालु ज्ञान के साथ खुद को प्रबुद्ध करने एवं अज्ञानता को दूर करने के लिए मां सरस्वती की पूजा करेंगे. माघ शुक्ल पंचमी को मां शारदे के साथ भगवान गणेश, लक्ष्मी, नवग्रह, पुस्तक-लेखनी और वाद्य यंत्र की भी पूजा होगी. पूजा के बाद श्रद्धालु एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगायेंगे.

नवजात शिशुओं का होगा अक्षरारंभ

आज बसंत पंचमी में सरस्वती पूजा के बाद नवजात शिशुओं का पारंपरिक विधि से अक्षरारंभ संस्कार होगा. आज से ही उनका विद्या – अध्ययन भी शुरू होगा. इस दिन विद्यार्थियों, साधकों, भक्तों व ज्ञान की चाह रखने वाले उपासकों को सिद्धि व मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.

ज्ञान व शुभता के लिए पीतांबर धारण करें

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि प्रभु श्रीकृष्ण ने भी पीतांबर धारण कर पंचमी तिथि को माता सरस्वती का पूजन माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को किया था. पीले रंग का संबंध गुरु ग्रह से है, जो ज्ञान, धन व शुभता के कर्क माने जाते हैं. इस ग्रह के प्रभाव से धनागमन, सुख व समृद्धि की प्राप्त होती है. पीला रंग शुद्धता, सादगी, निर्मलता व सात्विकता का प्रतीक है. यह रंग हमारे स्नायु तंत्र को संतुलित, मस्तिष्क को सक्रिय एवं मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाने में मददगार साबित होता है. पीला रंग जोश, ऊर्जा, उत्साह, खुशी है.। तथा सकारात्मकता का प्रवाह करता है.

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पूजा का शुभ मुहूर्त

  • पंचमी तिथि: प्रात: 06 बजकर 28 मिनट से शाम 05 बजकर 52 मिनट तक

  • लाभ व अमृत मुहूर्त: प्रात: 06 बजकर 28 मिनट से सुबह 09 बजकर 15 मिनट तक

  • शुभ योग मुहूर्त: सुबह 10 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12 बजकर 04 मिनट तक

  • अभिजित मुहूर्त: 11 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक

  • चर मुहूर्त: शाम 02 बजकर 52 मिनट से 04 बजकर 17 मिनट तक

बसंत पंचमी पूजा विधि

  • बसंती पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.

  • उसके बाद माता सरस्वती की मूर्ति साफ चौकी पर स्थापित करें.

  • इस दिन पीले वस्त्र धारण कर के ही पूजा करना चाहिए.

  • माता सरस्वती की वंदना करें और भोग लगाएं.

  • अंत में माता सरस्वती की आरती करें और प्रसाद वितरित करें.

बसंत पंचमी पर राशि अनुसार जरूर करें ये उपाय

  • मेष राशि- बसंत पंचमी के दिन सफेद रंग के वस्त्र पहनकर सरस्वती मां की पूजा करें.

  • वृषभ राशि- मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए मां सरस्वती को सफेद चंदन का तिलक लगाएं और फूल अर्पित करें.

  • मिथुन राशि- मां सरस्वती को हरे रंग का पेन -कलम अर्पित करें.

  • कर्क राशि- मां सरस्वती को खीर का भोग जरूर लगाए.

  • सिंह राशि- इस राशि के लोग मां सरस्वती की पूजा के दौरान गायत्री मंत्र का जाप जरूर करें.

  • कन्या राशि- गरीब बच्चों में पढ़ने की सामग्री बांटे, जिसमें पेन, पेंसिल किताबें आदि शामिल हों.

  • तुला राशि- छात्र-छात्राएं किसी ब्राह्मण को सफेद कपड़े दान में दें.

  • वृश्चिक राशि- यदि आपको यादाश्त से संबंधित कोई परेशानी है, तो मां सरस्वती की आराधना करते हुए लाल रंग का पेन अर्पित करें.

  • धनु राशि- उच्च शिक्षा के लिए मां सरस्वती को पीले रंग की कोई मिठाई अर्पित करें.

  • मकर राशि- मां सरस्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए निर्धन व्यक्ति को सफेद रंग का अनाज दान करें.

  • कुंभ राशि- गरीब बच्चों में स्कूल बैग और दूसरी जरूरी चीजें दान करें.

  • मीन राशि- इस दिन छोटी कन्याओं में पीले रंग के कपड़े दान करें.

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