लखनऊ: यूपी में राज्यसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं. आरएलडी के जाने के बाद समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर जीती अपना दल की पल्लवी पटेल ने भी कड़ा रुख दिखाया है. राज्यसभा चुनाव में जया बच्चन, आलोक रंजन और रामजीलाल सुमन के नामाकंन के बाद से पल्लवी पटेल नाराज हैं. उनका कहना है कि मैं पीडीए के साथ धोखाधड़ी में शामिल नहीं होना चाहती. मैं इस बात को लेकर प्रतिबद्ध हूं कि दलित पिछड़ा मुसलमान का वोट ले रहे हैं तो ईमानदारी से उनका प्रतिनिधित्व भी होना चाहिए. हम पीडीए का नारा दे रहे हैं पीडीए का मतलब है पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक, लेकिन ये जो उम्मीदवार हैं इसमें पीडीए कहां है.
मदांध लोग बच्चन और रंजन को पीडीए बना रहे हैं. अगर हम पीडीए का वोट ले रहे और प्रतिनिधित्व नहीं दे रहे हैं तो हम इस धोखे में शामिल नहीं हैं. उन्होंने कहा कि आज देखें तो मुसलमान समाज से ज्यादा कौन है जो 100 फीसदी प्रतिबद्धता के साथ सपा का वोट बैंक बना हुआ है और लगातार बीजेपी के खिलाफ उनका साथ दे रहा है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि माननीय अखिलेश यादव की व्यस्तता बहुत ज्यादा है, इस दौरान बहुत क्लीयर कट बात नहीं हो पाई. लेकिन राज्यसभा प्रत्याशियों के नाम सामने आए तो मेरा मानना है ये पीडीए नहीं है. अगर हम पीडीए का नारा दे रहे हैं तो उन्हें सम्मान मिलना चाहिए. पीडीए के समाज को प्रतिनिधित्व न दिए जाने के और धोखाधड़ी के खिलाफ हूं, मैं इस धोखाधड़ी में शामिल नहीं हूं.
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पल्लवी पटेल ने कहा कि राज्यसभा सदस्यों के चुनाव में कोई पिछड़ी दलित अल्पसंख्यक में आधी आबादी क्यों नहीं हो सकती है? एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमने मिलने का प्रयास किया था. लेकिन माननीय अखिलेश यादव की व्यस्तता बहुत ज्यादा है, इस दौरान बहुत क्लीयर कट बात नहीं हो पाई है. उन्होंने राज्यसभा चुनाव में वोट न करने की बात कही है.
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