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झारखंड के कई इलाकों में 29 जुलाई से 1 अगस्त तक भारी बारिश की चेतावनी
झारखंड में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो चुका है, ऐसे में राज्य के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. मौसम विभाग के मुताबिक, 29 जुलाई से 1 अगस्त तक राज्य में भारी बारिश का अनुमान है.
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अच्छी बारिश के लिए महिलाओं ने की पूजा
सिसई (गुमला). बारिश नहीं होने से किसान चिंतित हैं. किसान, पहान पुजार की अगुवाई में नाराज इंद्र देव को मनाने के लिए पूजा की गयी. सैकड़ों की संख्या में सैंदा गांव की महिलाएं, युवतियां व बच्चियां पाहनाइन लाली उराइन, पुजारिन तारी देवी, महतवाइन बुधनी उराइन व कोटवारीन के नेतृत्व में करकरी नदी से जल उठा कर सरना स्थल, देवी मंडप व पाठ स्थल में सामूहिक रूप जल चढ़ाया और इंद्र देव से अच्छी बारिश की कामना की. जलाभिषेक को लेकर गांव के सभी घरों की महिलाएं व बच्चियां करकरी नदी जाकर स्नान किया. नदी से लोटा में जल भर कर गीले वस्त्र में ही सरना स्थल पहुंच कर जलाभिषेक व पूजा अर्चना की. इसके बाद देवी मंडप गये, जहां जलाभिषेक व पूजा-अर्चना कर पाठ स्थल गये. पूजा-अर्चना कर इंद्रदेव से अच्छी बारिश की कामना की. पहनाइन लाली उरांइन ने बताया कि जिस दिन ग्रामीण सामूहिक रूप से सरना स्थल, देवी मंडप व पाठ स्थल में पूजा व जलाभिषेक करते हैं. उस दिन निश्चित रूप से बारिश होती है.
खेती नहीं हुई, तो कर्ज चुकाना हो जायेगा मुश्किल, नहीं मिल रहा है रोजगार
राज्य में अभी भी समान्य से 48 फीसदी कम बारिश हुई है, जिसके कारण कई जगहों पर रोपा शुरू नहीं हो पाया है. कई जगहों में धान के बिचड़े सूखने लगे हैं. किसानों के अनुसार खेती के मौसम में कृषि कार्य ठप होने से इलाके में लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है. ट्रैक्टर एवं हल बैल भी बेकार बैठे हैं. जो बनिहार मॉनसून में खेती और रोपनी में व्यस्त रहते थे, उन्हें काम की तलाश में रांची की ओर रूख करना पड़ रहा है.
रांची में रिमझिम बारिश, 1 अगस्त तक करीब पूरे राज्य में वर्षा का अनुमान
राजधानी रांची में रिमझिम बारिश हो रही है. हालांकि, कल भी जिले के कई इलाकों में बारिश हुई. आज से झारखंड में मानसून सक्रिय हो गया है. ऐसे में 1 अगस्त तक करीब पूरे राज्य में बारिश का अनुमान है.
बारिश के अभाव में किसान सूखने लगे बिचड़े, किसानों की बढ़ी चिंता
सिल्ली में पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीर दिखाई देने लगी है. बारिश के अभाव में किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं, जबकि धान के बिचड़े तैयार है. पानी के अभाव में बिचड़ा सूखने के कगार पर है. किसानों के अनुसार अब तक अधिकतर खेतों में धान की रोपाई हो जानी थी, लेकिन अब तक सिर्फ निचले हिस्से के लगभग 10 प्रतिशत खेतों में ही रोपाई हुई है. किसानों के अनुसार यदि दो-तीन सप्ताह अंदर बारिश नहीं हुई, तो उन्हें सूखे की मार झेलनी होगी. कर्ज लेकर उन्होंने बीज की खरीदारी की है. खेती नहीं होने से कर्ज चुकाना मुश्किल हो जायेगा.
झारखंड में मानसून हुआ सक्रिय, आज से 1 अगस्त तक कई इलाकों में होगी बारिश
बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव वाला क्षेत्र बनने से मानसून की गतिविधि तेज होने की उम्मीद है. इस वजह से झारखंड के कई जिलों में 28 जुलाई से एक अगस्त तक अच्छी बारिश होगी. रांची और दक्षिणी भाग में 31 जुलाई व एक अगस्त को भारी बारिश की संभावना जतायी गयी है. मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी से दक्षिणी ओडिशा होते हुए आंध्र प्रदेश की ओर चल रहे साइक्लोनिक सर्कुलेशन फिलहाल कमजोर पड़ गया है. वहीं, 28 जुलाई से झारखंड में मानसून के एक बार फिर सक्रिय रहने की संभावना नजर आ रही है.
जमशेदपुर का उच्चतम तापमान बढ़ा, न्यूनतम घटा
जमशेदपुर में पिछले 24 घंटे में उच्चतम तापमान में 1.8 डिग्री सेंटीग्रेड की वृद्धि दर्ज की गयी है. आज यहां का उच्चतम पारा 32.8 डिग्री सेल्सियस रहा. न्यूनतम तापमान में 0.3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट के साथ 25.9 डिग्री हो गया.
आज इतना रहा डालटेनगंज का उच्चतम तापमान
डालटेनगंज में आज के अधिकतम तापमान में गिरावट आयी, जबकि न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई है. अधिकतम तापमान 1.2 डिग्री सेंटीग्रेड घटकर आज 34.8 डिग्री सेल्सियस हो गया. यह सामान्य से 2.5 डिग्री अधिक है. न्यूनतम तापमान 0.4 डिग्री बढकर 27.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.2 डिग्री अधिक है.
रांची का उच्चतम तापमान फिर 31 डिग्री के करीब
रांची में आज अधिकतम तापमान में 2.2 डिग्री सेंटीग्रेड की बढ़ोतरी दर्ज की गयी. इसके बाद यह बढ़कर 30.8 डिग्री सेंटीग्रेड हो गया. आज का अधिकतम तापमान सामान्य से 1.1 डिग्री सेंटीग्रेड अधिक रहा. न्यूनतम तापमान में कोई परिवर्तन नहीं हुआ. यह 23 डिग्री रहा, जो सामान्य से 0.2 डिग्री सेंटीग्रेड अधिक है.
पश्चिमी सिंहभूम के कुछ हिस्से में थोड़ी देर में वर्षा के साथ वज्रपात का अलर्ट
पश्चिमी सिंहभूम जिले के कुछ भागों में वर्षा के साथ वज्रपात का अलर्ट मौसम विभाग ने जारी किया है. मौसम विभाग ने कहा है कि एक से तीन घंटे में कुछ जगहों पर गरज के साथ बारिश होने का अनुमान है. इस दौरान लोग बेहद सावधान और सतर्क रहें.
झारखंड के कई जिलों में आज होगी झमाझम बारिश
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक झारखंड के कई जिलों में झमाझम बारिश होगी. आसमान में बादल भी गरजेंगे. कहीं-कहीं वज्रपात की आशंका है.
बारिश में उजड़ा गरीब का आशियाना, दूसरे घर को बनाया ठिकाना
गिरिडीह के बिरनी प्रखंड की बंगरकला पंचायत अंतर्गत बाराटांड़ निवासी सरिता देवी कच्चा मकान बारिश में गिर गया. इसके बाद उक्त परिवार पूरी तरह बेघर हो गया. घर गिरने के बाद सरिता अपने तीन छोटे-छोटे बच्चों के साथ दूसरे के घर पर रह रही है. सरिया को अभी तक प्रधानमंत्री आवास का लाभ भी नहीं मिला है. बंगरकला पंचायत के समाजसेवी विजय भारती ने कहा कि पहली बारिश में ही सरिता का कच्चा मकान गिर गया था. इसके बाद अपने घर के ही बगल श्यामलाल दास के घर पर रहने पर मजबूर है. घर गिरने के बाद बिरनी बीडीओ को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी थी. मुखिया सावित्री देवी ने बताया कि प्राथमिकता के आधार पर मकान गिरने से ग्राम सभा के माध्यम से सरिता का आवास बनाने का प्रस्ताव बीडीओ कार्यालय को भेजा गया था. इसके बाद बारिश में घर गिर गया है. सरिता गरीब महिला है. उसे आंबेडकर आवास दिलाने का प्रयास चल रहा है.
झारखंड में आज कैसा रहेगा मौसम
धनबाद में रूक रूक कर बारिश ने गर्मी से दी राहत
मौसम का मिजाज एक बार फिर से बदला है. दो दिनों से धूप के बाद बुधवार को दोपहर में रूक-रूक कर हुई बारिश से गर्मी से राहत मिली. सुबह से आसमान साफ था. धूप निकली, लेकिन दोपहर 11.30 बजे के बाद आसमान में बादल आने लगे. बादल आते बरसते हुए आगे बढ़ जाते. यह दौर देर शाम तक जारी रहा. मौसम विभाग के विशेषज्ञ अभिषेक आनंद की मानें तो आने वाले दिनों में मौसम का मिजाज ऐसा ही रह सकता है. अधिकतम तापमान 35 डिग्री व न्यूनतम तापमान 26 डिग्री दर्ज किया गया. दो दिनों तक बारिश नहीं होने पर गर्मी का असर बढ़ गया था. आने वाले दिनों में तापमान में बड़े बदलाव की संभावना नहीं है. एक जून से बुधवार तक सामान्य वर्षापात से 67 प्रतिशत कम बारिश रिकॉर्ड की गयी है. इस अवधि में 467.6 एमएम बारिश होनी चाहिए थी. लेकिन सिर्फ 152.7 एमएम बारिश हुई.
अब तक झारखंड में 48 प्रतिशत कम हुई बारिश
बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव वाला क्षेत्र बनने और साइक्लोनिक सर्कुलेशन का रास्ता ओडिशा व आंध्रप्रदेश की तरफ रहने से इसका आंशिक असर झारखंड पर पड़ा है. फलस्वरूप आकाश में बादल छाये हुए हैं और कहीं-कहीं रूक-रूक कर बारिश हो रही है. मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड में एक जून से 26 जुलाई तक 238.8 मिमी बारिश ही हुई है. जबकि इस समय का सामान्य वर्षापात 455.9 मिमी है. यानि झारखंड में मानसून के आने से अब तक लगभग 48 प्रतिशत कम बारिश हुई है. मौसम विभाग ने फिलहाल मानसून के कमजोर रहने तथा 28 जुलाई 2023 से एक बार फिर इसके वापस लौटने की बात कही है.
रांची का तापमान गिरा, हुई इतनी बारिश
रांची के उच्चतम तापमान में 1.8 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आयी है. वहीं, पिछले 24 घंटे के दौरान 1.2 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गयी. उच्चतम तापमान 1.8 डिग्री सेंटीग्रेड घटकर 28.6 डिग्री सेल्सियस हो गया, जो सामान्य से 1.1 डिग्री सेंटीग्रेड कम है. न्यूनतम तापमान में हालांकि 0.3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई. यह बढ़कर 23 डिग्री हो गया, जो सामान्य से 0.2 डिग्री सेंटीग्रेड अधिक है.
जमशेदपुर के तापमान में 3 डिग्री सेंटीग्रेड की गिरावट
जमशेदपुर के अधिकतम तापमान में 3 डिग्री सेंटीग्रेड की वृद्धि हुई है, जबकि न्यूनतम तापमान आज अपरिवर्तित रहा. आज जमशेदपुर का उच्चतम तापमान 31 डिग्री सेंटीग्रेड रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 1.6 डिग्री सेंटीग्रेड कम है. न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस पर कायम रहा, जो सामान्य से 1.2 डिग्री सेंटीग्रेड अधिक है.
डालटेनगंज का अधिकतम तापमान 3 डिग्री घटा
डालटेनगंज का तापमान आज 36 डिग्री सेंटीग्रेड रहा, जो सामान्य से 3.7 डिग्री सेल्सियस अधिक है. पिछले 24 घंटे के दौरान यहां के उच्चतम तापमान में कोई बदलाव नहीं आया. न्यूनतम तापमान 0.5 डिग्री सेंटीग्रेड घटकर 26.8 डिग्री सेल्सियस हो गया. हालांकि, यह अभी सामान्य से 0.8 डिग्री सेल्सियस अधिक है.
चतरा, गुमला समेत 4 जिलों का बढ़ा तापमान
चतरा, गुमला और लातेहार समेत झारखंड के 5 जिलों का तापमान पिछले 24 घंटे के दौरान बढ़ा. मौसम विभाग ने बताया है कि चतरा में उच्चतम तापमान 0.3 डिग्री सेल्सियस बढ़ा. गुमला में 0.3 डिग्री, लातेहार में 0.6 डिग्री, रामगढ़ में 0.1 डिग्री और साहिबगंज में 0.3 डिग्री सेल्यिस की वृद्धि दर्ज की गयी. इस दौरान खूंटी में 0.5 मिलमीटर, पाकुड़ में 2.5 मिलीमीटर और पश्चिमी सिंहभूम में 0.5 मिलीमीटर वर्षा हुई.
झारखंड में आये दिन वज्रपात से होती है मौत, ऐसे करें बचाव
बारिश के बीच झारखंड में आये दिन लोग वज्रपात से अपनी जान गंवा बैठते हैं. ऐसे में वज्रपात से बचाव के लिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है-
किसी तरह का अलर्ट जारी होने पर लोग सतर्क और सावधान रहें.
मेघ गरजने लगे और बारिश हो, तो सुरक्षित जगह पर शरण लें.
किसी भी सूरत में मेघ गर्जन की हालत में पेड़ के नीचे शरण न लें.
अगर आप किसी बिजली के खंभे के आसपास हैं, तो उससे दूर हो जायें.
बारिश और मेघ गर्जन के दौरान किसान इस समय अपने खेतों में जाने से बचें.
अगर किसान का अपने खेत पर जाना बहुत जरूरी है, तो मौसम के सामान्य होने का इंतजार करें.
वज्रपात से बचाव के लिए किसी ऊंचे क्षेत्र में न जाएं क्योंकि बिजली गिरने का सबसे अधिक खतरा वहीं होता है.
अगर किसी खुले स्थान में हो तो वहां से किसी पक्के मकान में तुरंत चले जाएं और खिड़की एवं दरवाजों से दूर रहें.
घर में पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि बिजली के उपकरणों से दूर रहें और उन्हें बंद कर दें.
बिजली के पोल और टेलिविजन या मोबाईल टावर से दूर रहें.
बिजली की चमक या बादलों के गरजने की आवाज सुनकर किसी पेड़ के नीचे नहीं जाएं.
एक जगह पर समूह में खड़े न हों, कम से कम 15 फीट दूरी बनाए.
रांची समेत कई जिलों में झमाझम बारिश, वज्रपात से बचने के लिए बरतें सावधानी
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक रांची समेत कई जिलों में झमाझम बारिश हो रही है. आसमान में बादल भी गरज रहे हैं. कहीं-कहीं वज्रपात की आशंका है. ऐसे में लोग सुरक्षित स्थान पर शरण लें और पेड़ और बिजली के पोल से दूर रहें.
बोकारो और रांची में कुछ देर में होगी बारिश, येलो अलर्ट जारी
बोकारो और रांची जिले के कुछ भागों में अगले एक से तीन घंटे में गर्जन के साथ बारिश होने की संभावना है. इस दौरान वज्रपात की भी आशंका जताई गई है. ऐसे में मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी कर लोगों का सावधान किया है. लोगों से अपील की गई है कि सुरक्षित स्थान में शरण लें, पेड़ की नीचे ना रहें और बिजली के पोल से दूर रहें. किसानों से खास अपील की गई है कि वे तब तक खेत में ना जाएं जब तक मौसम सामान्य नहीं हो जाता.
इन जिलों में कुछ देर में होगी बारिश, येलो अलर्ट जारी
पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला जिले के कुछ भागों में अगले एक से तीन घंटे में गर्जन के साथ बारिश होने की संभावना है. इस दौरान वज्रपात की भी आशंका जताई गई है. ऐसे में मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी कर लोगों का सावधान किया है. लोगों से अपील की गई है कि सुरक्षित स्थान में शरण लें, पेड़ की नीचे ना रहें और बिजली के पोल से दूर रहें. किसानों से खास अपील की गई है कि वे तब तक खेत में ना जाएं जब तक मौसम सामान्य नहीं हो जाता.
जुलाई में आधी बारिश, अब तक 11 फीसदी रोपनी
सरायकेला-खरसावां जिले में भी बारिश की स्थिति खराब है. इंद्रदेव रूठे हुए हैं, किसान आकाश की ओर टकटकी लगाए हुए हैं. सुखाड़ की आशंका से किसान चिंतित हैं. जुलाई खत्म होने को है. अबतक सामान्य से आधी बारिश हुई है. वहीं 10.99 फीसदी रोपनी हुई है. बारिश की कमी से खेत सूखे पड़े हैं. धान के बिचड़े पीले पड़ने लगे हैं. जिला में रोहिणी नक्षत्र के साथ किसान बुआई शुरू कर देते हैं. बहुड़ा रथयात्रा के समय रोपनी व कढान का कार्य करते हैं. इस वर्ष बारिश नहीं होने के कारण खेतों में पानी नहीं है. यही स्थिति एक पखवारा तक रही, तो धान की फसल नष्ट हो जाएगी. सरायकेला-खरसावां जिले में एक लाख हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य है. अबतक महज 10.99 प्रतिशत रोपनी हुई है. इसमें हाइब्रिड धान का आच्छादन शून्य है. अधिक उपजशील 1.21 प्रतिशत व उन्नत किस्म (छींटा विधि से) में 38.61 प्रतिशत रोपाई हुई है. जिले में जुलाई में 253.2 मिमी बारिश होनी चाहिए, अबतक 127. 5 मिमी बारिश हुई है.
बारिश नहीं होने से बिचड़े लगे मुरझाने, किसान परेशान
लोहरदगा के सेन्हा प्रखंड क्षेत्र में पर्याप्त बारिश नहीं होने से किसान चिंतित हैं. जुलाई माह खत्म होने को है और बिचड़ा बुढ़ाने लगे हैं. ऐसे में किसान आसमान की ओर टकटकी लगाये हुए हैं कि जैसे ही बारिश होगी, धान रोपनी के कार्य में लग जायेंगे. प्रखंड में लगभग आठ से नौ हजार हेक्टेयर में धान की खेती होती है. जिसमें अभी तक सिंचाई के सहारे महज आठ-10 प्रतिशत धान रोपनी हुई है. मानसून की पहली बारिश में ही नदी लबालब भर गयी थीं. लेकिन इधर बारिश नहीं होने के कारण किसानों द्वारा किसी तरह सिंचाई कर रोपनी का कार्य किया जा रहा है. लगातार सिंचाई होने से नदी-तालाब भी सूख चुके हैं. ऐसे में अब किसानों के लिए बारिश ही एकमात्र वैकल्पिक उपाय है. प्रखंड क्षेत्र में बीते एक सप्ताह में मात्र आठ एमएम बारिश हुई है. बूंद-बूंद पानी के लिए किसानों को तरसना पड़ रहा है. बारिश नहीं होने के कारण धान के बिचड़े मुरझाने लगे हैं. पत्तियां पीली पड़ रही हैं. अगर बारिश की स्थिति ऐसी ही रही, तो प्रखंड क्षेत्र में अकाल कि स्थिति बन जायेगी.
बारिश नहीं होने का असर, जामताड़ा में भी सूख रही है अजय नदी
गर्मी के वक्त नदियों का पानी घटने के कारण उनमें प्रवाह कम होने की प्रवृत्ति देखी जाती थी. लेकिन बरसात के दिनों में ऐसा कभी नहीं देखा गया था. वह भी खासतौर पर सावन का महीना हो और नदियां सूखी पड़ी हो. जामताड़ा जिले के प्रमुख नदी में से एक अजय नदी जो पानी के मामले में समृद्ध माना जाता है, लेकिन अब यह नदी भी सूख रही है. सांख्यिकी विभाग के मुताबिक जिले में इस वर्ष जुलाई माह में अब तक 82.8 एम एम बारिश हुई है. वहीं जून माह में 70.3 एम एम बारिश हुई है.
दुमका में ग्रामीणों ने करायी मेंढक-मेंढकी की शादी, अच्छी बारिश की कामना की
कम बारिश से परेशान किसान अपनी आजीविका चलाने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं. कहीं, बारिश के लिए भगवान की पूजा की जा रही है तो कहीं लोग ऐसी खेती में लगे हैं, जिसमें ज्यादा बारिश की जरूरत ना हो. दुमका के गोलपुर गांव में आदिवासी समाज के किसानों ने अच्छी बारिश की कामना को लेकर मेंढक-मेंढकी की शादी करायी. इस दौरान पूरा माहौल शादी-विवाह जैसे ही रहा. गाजे-बाजे के साथ बाराती मेंढकी के गांव पहुंचे. इस दौरान विधि-विधान से शादी संपन्न हुआ.
मेंढक-मेंढकी की शादी की तस्वीरें देखने के लिए Click करें
झारखंड के कई जिलों में 28 जुलाई तक होगी बारिश, वज्रपात की भी आशंका
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, रांची समेत कई जिलों में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हो रही है. विभाग ने बताया है कि 26 से 28 जुलाई को कुछ स्थानों पर हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है. इस दौरान कहीं-कहीं गर्जन और वज्रपात हो सकता है. हालांकि, इस साल अभी भी राज्य में बारिश की कमी है, जिससे किसानों को खासा नुकसान हो रहा है. अब तक राज्य में करीब 236 मिमी के आसपास बारिश हुई है. उम्मीद है कि मानसून के दोबारा सक्रिय होने पर बारिश की कमी थोड़ी दूर हो सकती है. मौसम केंद्र के मुताबिक 28 जुलाई से मानसून फिर सक्रिय हो सकता है.