बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा गुरुवार को मातृभाषा विषय के साथ शुरू हुई. पूर्व निर्देश के अनुसार सेंटर में प्रवेश करने के पहले परीक्षार्थियों के जूते-मोजे और घड़ी उतरवा दिये गये. उन्हें दो सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ा. बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि राज्यभर में पहले दिन परीक्षा शांतिपूर्ण रही है. राज्यभर के 38 जिलों में 1585 केंद्रों पर परीक्षा ली गयी. मैट्रिक परीक्षा में 16,94,781 परीक्षार्थी शामिल हुए, जिसमें 8,72,194 छात्राएं एवं 8,22,587 छात्र हैं. परीक्षा दो पालियों में हुई.
पहली पाली में 8,50,571 परीक्षार्थियों, जिसमें 4,38,967 छात्राएं एवं 4,11,604 छात्र थे. वहीं, द्वितीय पाली में 8,44,210 परीक्षार्थियों में 4,33,227 छात्राएं एवं 4,10,983 छात्र थे. कदाचार मुक्त परीक्षा के लिए केंद्रों पर पुलिस की चुस्ती रही. सीसीटीवी और वीडियोग्राफी से भी नजर रखी जा रही थी. वहीं, पहले दिन मातृभाषा ( हिंदी, बंगला, उर्दू एवं मैथिली) विषय की परीक्षा दोनों पाली में हुई. अध्यक्ष ने कहा कि प्रथम पाली की परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थी पूरी परीक्षा के दौरान प्रथम पाली की परीक्षा में शामिल होंगे तथा द्वितीय पाली की परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थी पूरी परीक्षा के दौरान द्वितीय पाली की परीक्षा में शामिल होंगे.
परीक्षा में प्रत्येक पाली में 15 मिनट का आरंभिक समय परीक्षार्थी को प्रश्नों को पढ़ने व समझने के लिए दिया गया है. परीक्षा देकर निकलने वाले परीक्षार्थियों ने मातृभाषा के प्रश्न को आसान बताया. स्टूडेंट्स ने कहा कि प्रश्नों की संख्या दोगुनी रहने के कारण परीक्षा आसान गयी. शुक्रवार को मैट्रिक परीक्षा के दूसरे दिन प्रथम पाली में गणित की परीक्षा 9:30 बजे से 12:45 बजे तक चलेगी.
आनंद किशोर ने परीक्षा के दौरान विभिन्न केंद्रों राजकीय बालिका उच्च विद्यालय गर्दनीबाग, कमला नेहरू बालिका उच्च विद्यालय यारपुर, एसआरपीएस राजकीय प्लस टू विद्यालय गर्दनीबाग एवं दयानंद विद्यालय मीठापुर का औचक निरीक्षण किया. औचक निरीक्षण के क्रम में अध्यक्ष ने परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा संचालन के व्यवस्था की समीक्षा की. साथ ही अध्यक्ष द्वारा परीक्षार्थियों से परीक्षा में पूछे गये प्रश्नों के संबंध में जानकारी भी प्राप्त की और परीक्षार्थियों की जांच भी की. विजिटर रजिस्टर पर उन्होंने हस्ताक्षर भी किया.
राज्यभर के परीक्षा केंद्रों से 19 नकलचियों को निष्कासित किया गया. सात जिलों में सबसे ज्यादा भोजपुर से नौ, सारण से तीन, जमुई व मधेपुरा से दो-दो, वैशाली, जहानाबाद व नालंदा से एक-एक नकलची पकड़े गये. इसके साथ ही नवादा जिला में एक फर्जी परीक्षार्थी को पकड़ा गया. शेष जिलों में निष्कासन की संख्या शून्य रही.
बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा के मद्देनजर एग्जाम सेंटर पर सुबह सात बजे से ही स्टूडेंट्स और पैरेंट्स की भीड़ लगनी शुरू हो गयी थी. बोर्ड की तरफ से जारी शेड्यूल के अनुसार परीक्षार्थियों को तय समय से 30 मिनट पहले सेंटर के अंदर प्रवेश कर लेना था. इसके कारण दूर-दराज से आये परीक्षार्थी सेंटर पर दो-दो घंटा पहले ही पहुंच गये थे. मैट्रिक परीक्षा में भाग-दौड़ कम देखने को मिली. बांकीपुर गर्ल्स हाइ स्कूल सेंटर पर लड़कियों के लिए सेंटर बनाया गया था. लेकिन नाम में गलती के कारण सेंटर पर दो लड़कों भी शामिल हुए.
यहां पर सभी छात्राओं के लिए बेहतर व्यवस्था की गयी थी. केंद्र के अंदर जूता उतरवा कर महिला कर्मी तलाशी ले रही थी. इसके साथ ही घड़ी पहन कर सेंटर में प्रवेश करने वाली सभी परीक्षार्थियों की घड़ी उतरवा दी गयी. कई सेंटर पर सुबह आठ बजे से ही परीक्षार्थी को प्रवेश दिलाया गया. वहीं, बीएन कॉलेजिएट सेंटर पर मजिस्ट्रेट व पुलिसकर्मी को लेट से पहुंचने के कारण परीक्षार्थी देर से अंदर प्रवेश कर पाये. इस दौरान काफी भीड़ जमा हो गयी थी.
परीक्षार्थियों को जांच के बाद ही परीक्षा केंद्रों में जाने की इजाजत दी गयी. गेट पर ही मजिस्ट्रेट की देखरेख में चिट-पूर्जे व मोबाइल की तलाशी ली गयी. जिन छात्रों के पास चिट-पूर्जे मिले, उन्हें अगली बार ऐसी गलती नहीं करने की चेतावनी भी दी गयी और सभी बेकार के कागज फेंक दिये गये. प्रश्नपत्र पढ़ने के लिए 15 मिनट का अतिरिक्त समय दिया गया.
परीक्षा के लिए सुबह सात बजे से ही केंद्रों पर परीक्षार्थी पहुंचने लगे. कई परीक्षार्थियों की घड़ी को जब्त भी किया गया. सेंटर पर लेट पहुंचने वाले परीक्षार्थियों की संख्या न के बराबर रही. इंटरमीडिएट परीक्षा से सबक लेते हुए मैट्रिक परीक्षार्थी की सेंटर पर लेट पहुंचने की संख्या काफी कम थी. कुछ मिनट लेट होने पर अभिभावकों व स्टूडेंट्स ने प्रवेश के लिए गुजारिश कि, तो उन्हें इंट्री मिल गयी. केंद्रों पर लेट पहुंचने की सबसे ज्यादा शिकायत मैट्रिक में द्वितीय पाली में आयी. कई जगहों पर जाम के कारण परीक्षार्थी लेट से पहुंचे. लेकिन पुलिस व मजिस्ट्रेट से गुजारिश करने के बाद उन्हें सेंटर पर प्रवेश मिल गया.