Sandeshkhali Violence: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली गांव में हुई हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दाखिल हुई है. याचिका में संदेशखाली हिंसा की अदालत की निगरानी में सीबीआई या एसआईटी से जांच कराने का अनुरोध किया गया है. इस जनहित याचिका को सूचीबद्ध करने के लिए विचार करने पर सुप्रीम कोर्ट ने सहमति जता दी है.
चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता से पूछा ये सवाल
जनहित याचिका को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया गया था. चीफ जस्टिस ने पूछा, ‘क्या आपने (तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए) कोई ई-मेल भेजा है ?’ जनहित याचिका दायर करने वाले वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने जब हां में जवाब दिया, तो चीफ जस्टिस ने कहा, ‘मैं दोपहर में इस पर विचार करूंगा.’
केस को बंगाल के बाहर ट्रांसफर करने का अनुरोध
श्रीवास्तव ने व्यक्तिगत रूप से यह याचिका दायर की है, जिसमें संदेशखाली हिंसा पीड़ितों के लिए मुआवजे और कर्तव्य में कथित लापरवाही बरते के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया गया है. याचिका में जांच और उसके बाद के मुकदमे को पश्चिम बंगाल से बाहर ट्रांसफर करने का भी अनुरोध किया गया है.
मणिपुर की तर्ज पर तीन जजों की समिति करे संदेशखाली हिंसा की जांच
इसके अलावा मणिपुर हिंसा मामले की तरह तीन जजों की समिति द्वारा जांच की अपील की गई है. पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के गांव संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता द्वारा महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है.
तृणमूल नेता पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न के लगे हैं आरोप
क्षेत्र की कई महिलाओं ने पार्टी के कद्दावर स्थानीय नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने तथा यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. शेख शाहजहां से जुड़े लोगों ने 5 जनवरी को राशन घोटाले के सिलसिले में छापा मारने गए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर कथित तौर पर हमला कर दिया था, जिसके बाद से शाहजहां फरार हैं.