Bharat Jodo Nyay Yatra : राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा वाराणसी के चौक क्षेत्र से विश्वनाथ मंदिर पहुंची. इस दौरान उन्होंने कुछ युवाओं को ऑटोग्राफ दिए. राहुल गांधी काशी विश्वनाथ मंदिर में पहुंचकर हाजिरी लगाई. इस दौरान मंदिर के मुख्य द्वार और 4 नंबर गेट पर भारी भीड़ और भगदड़ जैसी स्थिति बनी हुई थी. राहुल गांधी मंदिर जाने से पहले अपना मोबाइल निकाला स्विच ऑफ किया और मंदिर में पहुंचक बाबा के दर्शन किए. राहुल गांधी के हमशक्ल फैसल चौधरी भी कांग्रेस की न्याय यात्रा में पहुंचे हैं. इस दौरान उनके साथ फोटो खिंचवाने की होड़ सी लगी रही. न्याय यात्रा के दौरान राहुल ने चौक की प्रसिद्ध मलइयो का भी गाड़ी पर बैठे- बैठे स्वाद लिया. इस दौरान उन्होंने दुकानदार से बात भी की. न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने भीड़ से राहुल नाम के लड़के को बुलाकर अपने बगल में बैठाया. उससे फीस और नौकरी को लेकर बात की. गोदौलिया में राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान की मीडिया मोदी जी को 24 घंटे दिखाएगी. अमिताभ बच्चन को दिखाएगी. लेकिन असल मुद्दे को नहीं दिखाना है. नोटबंदी और GST की कमी को कोई नहीं दिखाएगा. उन्होंने आगे कहा कि देश में 2 भारत. एक अरबपति वाला, एक गरीब वाला. मीडिया को लेकर कहा कि ये सारे चैनल अडानी जी, अंबानी जी के हैं. ये किसान, मजदूर, गरीबों के बारे में कभी नहीं दिखाएंगे. देश में अरबपति भी उतना ही टैक्स दे रहा है, जितना गरीब देता है. इसलिए हमने भारत जोड़ो यात्रा में न्याय शब्द जोड़ दिया.
भारत जोड़ो न्याय यात्रा का 35वां दिन आज
बता दें कि राहुल गांधी की की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का आज 35वां दिन है. राहुल गांधी आज वाराणसी में 12 किलोमीटर की यात्रा के दौरान काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन करने के बाद गोदौलिया चौराहे पर लोगों को संबोधित करेंगे. आराजी लाइन के गांव कुरौना में दोपहर का भोजन करेंगे. राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समेत कई लोग मौजूद हैं. वहीं कांग्रेस महासचिव(संचार) जयराम रमेश ने कहा कि आज यात्रा का 35वां दिन है, राहुल गांधी काशी विश्वनाथ में दर्शन के लिए जाएंगे. उसके बाद यहां रोडशो और जनसभा होगी. आज रात हम भदोही में रुकेंगे. उत्तर प्रदेश में भारत जोड़ो न्याय यात्रा करीब 8 दिन की होगी. पहली बार कोई कांग्रेस नेता गोदौलिया से रथयात्रा निकाल कर राजनीतिक यात्रा करेगा.
पं. जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी समेत किसी भी नेता ने वाराणसी में इस रूट पर कोई राजनीतिक यात्रा नहीं की है. भारत जोड़ो न्याय यात्रा आज पड़ाव से गोलगड्डा पहुंचेगी. खुली जीप में सवार होकर राहुल गांधी विशेश्वरगंज के रास्ते होते हुए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए रवाना होंगे. संभावना है कि बीच रास्ते में वह पैदल भी चलेंगे. कांग्रेस नेता अनिल श्रीवास्तव अन्नू ने बताया कि गोदौलिया से लक्सा, रथयात्रा, गुरुबाग होते हुए मंडुवाडीह के रास्ते पर अभी तक कोई भी कांग्रेसी नेता ने कोई यात्रा नहीं की है. राहुल गांधी पहले कांग्रेसी नेता होंगे जो इस रूट पर भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकालेंगे.
बता दें कि राहुल की यात्रा ने शुक्रवार को चंदौली से यूपी में एंट्री की थी. इस दौरान उन्होंने जनसभा में कहा था कि देश में जो नफरत और हिंसा फैल रही है उसका कारण अन्याय है. किसान युवाओं के साथ सामाजिक और आर्थिक अन्याय हो रहा है. पाकिस्तान पर बोलेंगे पर महंगाई, बेरोजगारी पर नहीं बोलेंगे, क्योंकि ये आप के नहीं अडाणी के हैं. राहुल गांधी से चंदौली में देर रात बीएचयू के 25 प्रोफेसरों और छात्रों के डेलीगेट्स ने मुलाकात की. इस दौरान राहुल ने बीएचयू में हो रहे एक्टिविटी को लेकर बात की. IIT-BHU सामुहिक दुष्कर्म मामले पर चिंता जताई.
इस यात्रा के जरिये कुर्मी मतदाताओं पर नजर
कांग्रेस ने पूर्वांचल में वाराणसी से प्रयागराज के बीच 12 लाख कुर्मी मतदाताओं को साधने के लिए पॉलिटिकल दांव खेला है. इन दो महत्वपूर्ण शहरों के बीच कुल 5 लोकसभा सीटें हैं. जिनमें वाराणसी, भदोही, मिर्जापुर, फूलपुर और प्रयागराज शामिल हैं. राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के सहारे इन जिलों के बड़े कुर्मी मतदाताओं को कांग्रेस अपने पाले में खींचना चाहती है. यदि रणनीति सटीक बैठी और जनता ने साथ दिया तो पूर्वांचल में कांग्रेस का सूखा खत्म हो सकता है.
आज वाराणसी के गौदोलिया से राहुल गांधी के रोड शो में अपना दल (कमेरावादी) नेता और सिराथू विधायक पल्लवी पटेल भी शामिल होंगी. पूर्वांचल में कुर्मी जाति का कोई भी बड़ा नेता कांग्रेस के पास मौजूदा वक्त में नहीं है. ऐसे में कांग्रेस इन जिलों में जातिगत रणनीति फिट करने में जुटी है. दूसरी ओर पल्लवी पटेल की अब सपा से मनमुटाव जगजाहिर हो चुकी है. इसके बाद उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर राहुल गांधी को अपना समर्थन देने की घोषणा कर दी.
दूसरी ओर स्वामी प्रसाद मौर्य भी कांग्रेस के भारत जोड़ो यात्रा में जुड सकते हैं. ऐसे में मौर्या जाति के बड़े मतदाताओं को भी कांग्रेस भुनाने का दांव खेल रही है. हालांकि स्वामी प्रसाद के विवादित बयानों से हिंदू धर्म का बड़ा धड़ा बेहद नाराज है, ऐसे में कांग्रेस को फायदे के बजाय नुकसान भी हो सकता है.
काशी से कांग्रेस का है गहरा लगाव
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का वाराणसी से गहरा लगाव था. पंडित नेहरू ने तो 1910 से 1950 तक वाराणसी की कई यात्राएं कीं. प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उनका वाराणसी आना जाना लगा रहता था. वहीं इंदिरा गांधी ने भी वाराणसी की राजनीतिक और धार्मिक यात्राएं की थीं. राहुल गांधी के परनाना पंडित जवाहर लाल नेहरू पहली बार 1910 में अपने पिता पंडित मोतीलाल नेहरू के साथ वाराणसी आए थे.
इसके बाद 1921 में काशी विद्यापीठ के स्थापना समारोह में पहुंचे थे. इसके बाद 1942 और 1946 में वह वाराणसी पहुंचे थे. आजादी के बाद बतौर प्रधानमंत्री पं. नेहरू 1950 और 1952 में काशी आए थे. राहुल की दादी व पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 1980 के चुनाव की वाराणसी यात्रा ऐतिहासिक थी. प्रो. सतीश कुमार राय ने बताया कि 31 दिसंबर 1979 की शाम 8.00 बजे उनकी सभा निर्धारित थी. वह 14 घंटे की देरी से एक जनवरी 1980 को सुबह 10.00 बजे पहुंचीं। बरसात भरी सर्द बावजूद के बाद भी जनता उनके इंतजार में डटी रही.