अभिषेक रॉय, रांची: राजधानी रांची के न्यू पुंदाग निवासी प्रमोद प्रिय रंजन (26 वर्षीय) ने फोर्ब्स-30 अंडर-30 में अपनी जगह बनायी है. फोर्ब्स ने प्रमोद को डिजाइन के क्षेत्र में स्पेशल मेंशन कैटेगरी में शामिल किया है. साथ ही सामाजिक बदलाव की उनकी पहल की सराहना की है. फोर्ब्स इंडिया के ज्यूरी मेंबर में शामिल इनक्यूबस कंसल्टेंट के डायरेक्टर अमित गुलाटी और एटेलियर के फाउंडर आशीष शाह ने देशभर के हजारों इंटरप्रेन्योर में से प्रमोद का चयन रुढ़िवादी परंपराओं को तोड़ने के प्रति उनके समर्पण के लिए किया है. प्रमोद अपने स्टार्टअप ”केयर फॉर्म लैब्स” से मेंस्ट्रुअल हाइजीन (महिलाओं के मासिक धर्म के दौरान बरती जानेवाली स्वच्छता) को नयी दिशा दे रहे हैं. मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को होनेवाली स्वास्थ्य समस्याओं से निजात दिलाने के लिए प्रमोद और कंपनी के को-फाउंडर डॉ नचिकेत ठाकुर ने कई प्रोडक्ट लांच किये हैं, जिन्हें रिसाइकिल कर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है.
सैनिटरी नैपकिन का विकल्प तैयार किया :
एमआइटी इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, पुणे में पढ़ाई करते हुए प्रमोद एक एनजीओ से जुड़े, जो महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं पर काम कर रहा था. उसी दौरान उन्हें कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल में सैनिटरी नैपकिन के निस्तारण में आ रही दिक्कतों की जानकारी मिली. इसके बाद से ही वे पैड के अन्य विकल्पों की तलाश में जुट गये. वर्ष 2019 में अपने पहले प्रोडक्ट ”कपमैन” का डिजाइन तैयार किया. आइडिया लेकर अटल इंक्यूबेशन सेंटर पहुंचे. वहां यूनिक आइडिया की सराहना हुई और डिजाइन पर काम करने के लिए टीम तैयार की गयी. इसके बाद कंपनी ने एक-एक कर ऑनपेरी, ऑनरीन के तहत कई प्रोडक्ट लांच किये. सभी प्रोडक्ट सिस्टम डिजाइन से तैयार हो रहे हैं, जो मासिक धर्म को अनुकूल, सुलभ और किफायती बनाने में सहायक हैं.
कपमैन और पीयू की ग्लोबल मार्केट में डिमांड
प्रमोद ने बताया कि कपमैन सैनिटरी पैड का विकल्प है, जिसे महिलाएं मासिक धर्म के दौरान इस्तेमाल कर सकती हैं. इसके अलावा ””पीरियड अंडरवियर (पीयू)”” भी तैयार किया है, जिसे माहवारी के दौरान सामान्य अंडरवियर की तरह इस्तेमाल किया जा सकेगा. खास बात यह है कि इसे महिलाएं धोने के बाद दोबारा इस्तेमाल कर सकेंगी. प्रोडक्ट लांच होने के बाद से ही इनकी मांग ग्लोबल मार्केट में बनी हुई है. प्रमोद ने बताया की उनकी कंपनी अब तक एक करोड़ 30 लाख रुपये से अधिक का फंड विभिन्न प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर जुटा चुकी है. साथ ही डिजाइनिंग के क्षेत्र में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार – सीआईआई डिजाइन एक्सीलेंस अवार्ड 2021, इंडियाज बेस्ट डिजाइन प्रोजेक्ट 2021 और बिग–16 ग्रांट (बाॅयोटेक्नोलॉजी इग्निशन ग्रांट स्कीम) हासिल कर चुकी है. प्रमोद ने अपनी सफलता का श्रेय पिता डॉ विनोद रंजन को दिया, जो डीपीएस रांची में बतौर फाइन आर्ट्स शिक्षक कार्यरत हैं.