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HEC को भेल में मर्जर करने की कवायद शुरू

एक अधिकारी ने बताया कि एचइसी के पास आज भी ऐसे-ऐसे उपकरण बनाने की क्षमता है, जो देश की अन्य कंपनियां नहीं बना सकती हैं. वर्तमान में एनसीएल ने 450 करोड़ रुपये का कार्यादेश निकाला है

रांची: एचइसी कर्मियों के दिन जल्द बहुरेंगे. इसके लिए केंद्र सरकार ने कवायद शुरू कर दी है. भारी उद्योग मंत्रालय से जानकारी मिली है कि एचइसी को भेल में मर्जर करने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. एचइसी भविष्य में भेल की एक इकाई के रूप में काम करेगा.मालूम हो कि वर्तमान में भेल के सीएमडी कोप्पु सदाशिव मूर्ति एचइसी के प्रभारी सीएमडी हैं. वहीं, एचइसी के निदेशक वित्त राजेश त्रिवेदी, निदेशक कार्मिक एके बेहरा, निदेशक विपणन एके सिंघल व निदेशक उत्पादन एसडी सिंह भी भेल से हैं और एचइसी में अतिरिक्त प्रभार पर हैं. एचइसी की वर्तमान आर्थिक स्थिति, देनदारी, प्लांटों के जीर्णोद्धार व करीब 1200 करोड़ रुपये के कार्यादेश को देखते हुए एचइसी को भेल में मर्जर करने की कवायद शुरू की गयी है.

एक अधिकारी ने बताया कि एचइसी के पास आज भी ऐसे-ऐसे उपकरण बनाने की क्षमता है, जो देश की अन्य कंपनियां नहीं बना सकती हैं. वर्तमान में एनसीएल ने 450 करोड़ रुपये का कार्यादेश निकाला है, जिसे सिर्फ एचइसी ही कर सकता है. वहीं इसरो, सेना, सेल, कोल इंडिया के लिए उपकरण व स्पेयर पार्ट्स आपूर्ति करने में एचइसी की महती भूमिका है. मालूम हो कि एचइसी के कर्मी बकाया 20 माह के वेतन भुगतान समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. वहीं, प्रबंधन ने आंदोलन समाप्त करने के लिए भारी उद्योग मंत्रालय को पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से सप्लाई कर्मियों के लिए ठेकेदार बहाल करने, बोनस व इएसआइ के बकाया भुगतान की अनुमति मांगी गयी है.

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