रांची: झारखंड के हजारों अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति से वंचित रहना पड़ सकता है. छात्रवृत्ति के लिए ई-कल्याण पोर्टल पर ही आवेदन करना अनिवार्य है. परंतु, ई-कल्याण पोर्टल पर आवेदन करने वाले विद्यार्थियों को अपने स्कूल या कॉलेज का नाम नहीं मिल रहा है. जिसके कारण आवेदन की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है. राज्य में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 20 फरवरी है. ऐसे में हजारों की संख्या विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित हो सकते हैं.
कई संस्थानों ने नहीं कराया है रिनुअल :
झारखंड के कई शिक्षण संस्थानों ने कल्याण विभाग में अपना रिनुअल नहीं कराया है. इसकी वजह से भी उन संस्थानों का नाम पोर्टल पर नजर नहीं आ रहा है. उदाहरण के लिए जमशेदपुर के लॉ कॉलेज का नाम रिनुअल नहीं कराने की वजह से पोर्टल पर नहीं आ रहा है. रिनुअल नहीं कराने वाले संस्थानों के विद्यार्थी भी छात्रवृत्ति के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं. कल्याण विभाग द्वारा रिनुअल नहीं कराने वाले संस्थानों को नोटिस दिया गया है. परंतु, छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि में दो दिन ही शेष होने के कारण हजारों विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति पर संकट आ गया है.
अप्रूवल नहीं होने से पोर्टल पर नहीं आ रहा है नाम
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए संबंधित संस्थान स्कूल या कॉलेज को स्थानीय उपायुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटी अप्रूवल प्रदान करती है. कमेटी के अप्रूवल के बाद ही स्कूल या कॉलेज का नाम ई-कल्याण पोर्टल पर नजर आता है. कई जिलों में अब तक संस्थानों को अप्रूवल ही नहीं दिया है. उदाहरण के लिए प्रसिद्ध इंजीनियरिंग कॉलेज बीआइटी, बेसरा को भी अब तक कमेटी का अप्रूवल नहीं मिल सका है. जिसके कारण बीआइटी में पढ़ने वाले एसटी, एससी विद्यार्थी छात्रवृत्ति योजना के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं.
कमेटी का अप्रूवल नहीं मिलने व संस्थानों द्वारा रिनुअल नहीं कराने की वजह से पोर्टल पर संबंधित कॉलेज या स्कूल का नाम नहीं आ रहा है. इस बारे में संबंधित अधिकारियों से बात की जा रही है. रिनुअल नहीं कराने वाले संस्थानों को नोटिस भी दिया गया है. विद्यार्थियों की परेशानी देखते हुए छात्रवृत्ति के लिए आवेदन लेने की अंतिम तिथि में विस्तार किया जायेगा.
अजयनाथ झा, आदिवासी कल्याण आयुक्त