लखनऊ: समाजवादी पार्टी में राज्यसभा चुनाव के समय शुरू हुई क्लेश खत्म होती नहीं नजर आ रही है. स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद पूर्व सांसद सलीम शेरवानी ने सपा के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र लिखकर कहा है कि पार्टी में मुसलमानों की उपेक्षा से परेशान होकर महासचिव पद से इस्तीफा दे रहा हूं. जल्द ही भविष्य को लेकर फैसला लूंगा.
उन्होंने पत्र में लिखा है कि मुसलमान लगातार उपेक्षित महसूस कर रहा है. राज्यसभा में किसी मुसलमान के नाम पर विचार नहीं किया गया. मुसलमान एक सच्चे रहनुमा की तलाश में है. मुझे लगता है कि समाजवादी पार्टी में रहते हुए मुसलमानों की हालत में बहुत परिवर्तन नहीं ला सकता हूं. सलीम शेरवानी ने भी पल्लवी पटेल की तरह ही पीडीए (पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक) को राज्यसभा में भागीदारी न देने पर सवाल किया है.
पांच बार सांसद रह चुके हैं सलमी शेरवानी
सपा के वरिष्ठ नेता सलीम शेरवानी पांच बार सांसद रह चुके हैं. पिछले साल जनवरी में ही राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी दी गई थी. वह विधानसभा चुनाव से पहले ही समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे. 202 का चुनाव उन्होंने बदायूं से कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था. लेकिन वो हार गए थे. इसके बाद सलीम शेरवानी कांग्रेस को छोड़कर सपा में शामिल हो गए थे. सलीम शेरवानी समाजवादी पार्टी से बदायूं से सांसद रहे हैं. बदायूं सीट धमेंद्र यादव को देने के कारण व कांग्रेस में चले गए थे.