farmers protest संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर दबाव बनाने के लिए मोर्चा खोल लिया है. एसकेएम ने 20 फरवरी से लेकर 22 फरवरी तक बीजेपी नेताओं के आवास को घेरने आह्वान किया है. किसान नेताओं ने कहा, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को लेकर मंगलवार से तीन दिन तक पंजाब में बीजेपी के नेताओं के आवासों का घेराव किया जाएगा.
एमएसपी सहित कई मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं. किसान एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा कृषकों के कल्याण के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन तथा कर्ज माफी, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं. पंजाब के किसानों ने मंगलवार को दिल्ली के लिए मार्च शुरू किया था, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें हरियाणा के साथ पंजाब की सीमा पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर रोक दिया. तब से प्रदर्शनकारी इन दो सीमा बिंदुओं पर डटे हुए हैं.
किसान नेताओं के साथ सरकार की हो चुकी है तीन दौर की वार्ता
किसान नेताओं के साथ केंद्रीय मंत्रियों की चौथे दौर की वार्ता अभी जारी है. बैठक में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी समेत किसानों की अन्य मांगों पर चर्चा किया जा रहा है. दोनों पक्षों के बीच इससे पहले आठ, 12 और 15 फरवरी को मुलाकात हुई थी लेकिन बातचीत बेनतीजा रही थी.
टोल फ्री करने की तैयारी में किसान
एसकेएम के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि वे मंगलवार से गुरुवार तक सांसदों, विधायकों और जिला इकाइयों के अध्यक्षों सहित भाजपा की पंजाब इकाई के नेताओं के आवासों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे. राजेवाल ने यहां एसकेएम नेताओं की बैठक के बाद कहा कि यह भी निर्णय लिया गया है कि वे राज्य के सभी टोल अवरोधकों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे और उन्हें 20 से 22 फरवरी तक सभी यात्रियों के लिए मुफ्त बनाएंगे.
एमएसपी के लिए ‘सी-2 प्लस 50 प्रतिशत फॉर्मूले’ से कम कुछ भी स्वीकार नहीं
किसान नेताओं ने कहा, एसकेएम स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में अनुशंसित एमएसपी के लिए ‘सी-2 प्लस 50 प्रतिशत फॉर्मूले’ से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेगा. इस बैठक में किसान नेता बलकरण सिंह बराड़ और बूटा सिंह सहित अन्य नेता शामिल हुए. राजेवाल ने बताया कि बैठक में किसानों की काफी समय से लंबित मांगों, एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के जारी आंदोलन और केंद्रीय मंत्रियों के साथ जारी उनकी कई दौर की बातचीत को लेकर चर्चा की गई. उन्होंने यह भी कहा कि एसकेएम अब निरस्त किए जा चुके कृषि कानूनों के खिलाफ 2021 में अपने आंदोलन के दौरान केंद्र के समक्ष रखी गई मांगों पर भविष्य की रणनीति तैयार करने के लिए 22 फरवरी को दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक करेगा.