पटना. उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने नौकरी को लेकर राजद सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और राबड़ी देवी को घेरा.कहा कि लालू प्रसाद और उनके परिवार के 15 साल के शासनकाल, 1990 से 2005 बीच एक लाख भी नौकरी नहीं दी गयी, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार ने 2005 से 2020 के बीच 7.50 लाख नौकरी दी. 1990 से 2005 बीच ठहरा हुआ बिहार था,आज बढ़ता हुआ बिहार है.
गंगा पर बन गये करीब एक दर्जन
पहले गंगा पार करने के लिए एक ही पुल था और जाम के कारण पार करने में घंटों लग जाते थे. आज गंगा पर बक्सर से साहेबगंज के बीच करीब एक दर्जन पुल बन रहे हैं. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य न्याय के साथ विकास के पथ पर तेजी से बढ़ रहा है. राज्य की स्थिति बदली है. बेहतर वित्तीय प्रबंधन के कारण राज्य का राजकोषीय घाटा केंद्रीय वित्त आयोग द्वारा निर्धारित सीमा 3% के अंदर रहने की संभावना है.चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट 16 हजार करोड़ अधिक है. वर्ष 2023-24 का बजट 2.61 लाख करोड़ का है, जबकि वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट बढ़कर 2.78 लाख करोड़ हो गया है.
2.78 लाख करोड़ का बजट ध्वनिमत से पास
सम्राट चौधरी सोमवार को विधानसभा में बजट पर सरकार का पक्ष रख रहे थे. विपक्ष के वॉकआउट के बीच सदन ने 2.78 लाख करोड़ का बजट ध्वनिमत से पास किया.विधानसभा में बजट पर सरकार के उत्तर के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे.उधर विधान परिषद में भी बजट पर वाद-विवाद हुआ और इस दौरान भी परिषद में मुख्यमंत्री उपस्थित रहे. विधानसभा में बजट पर वाद-विवाद में सदस्य सतीश कुमार दास, तारकिशोर प्रसाद,संतोष कुमार, सूर्यकांत पासवान,राजकुमार सिंह,अख्तरुल साहीन, जीवेश मिश्र,प्रफूल कुमार मांझी,अख्तरुल इमाम और अजय कुमार ने भी अपनी बातें रखी.
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एनडीए की सरकार राज्य के लिए शुभ
वित्त मंत्री ने कहा कि एनडीए की सरकार राज्य के लिए शुभ है.28 जनवरी को सरकार बनी और 29 जनवरी को केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी में 9 हजार करोड़ बढ़ोतरी हुई. बजट में केंद्रीय करों की हिस्सेदारी मद में 1.02 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया था, जो बढ़कर 1.11 लाख करोड़ हो गया है.केंद्र से राज्य को 1.76 लाख करोड़ सहायत और लोन के तौर मिलेगा. जिसमें 50 साल के लिये ब्याज रहित लोन भी शामिल है.
कभी मुख्यमंत्री आवास में होती थी वसूली
उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने कानून व्यवस्था को लेकर लालू प्रसाद का नाम लिये बिना ही उनपर पर हमला बोला.कहा कभी राज्य में मुख्यमंत्री आवास से आर्गेनाइज क्राइम होता था.एक अणे मार्ग में वसूली होती थी.कौन कर रहा था यह सब को पता है.जब से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नीतीश कुमार बैठे हैं इन सबको बदला दिया है.अभी एक नेता के ऑफिशियल एक्स हैंडल पर कहा गया था कि 17 जदयू विधायक गायब हो गया है.ऐसे लोग बिहार में गुडों के प्रतीक हैं. ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए. जिस पार्टी के नेता राम को काल्पनिक मानते हों,उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है.