Kalki Avatar: भगवान विष्णु जी के सभी अवतारों में से 10 अवतार मुख्य अवतार माने जाते है. यह है मत्स्य अवतार, कूर्म अवतार, वराह अवतार, नृसिंह अवतार, वामन अवतार, परशुराम अवतार, राम अवतार. कृष्ण अवतार, बुद्ध अवतार, कल्कि अवतार. कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का भविष्य का 10वां अवतार माना जाता है. मान्यता है कि कल्कि अवतार के बाद कलियुग खत्म हो जाएगा. कल्कि अवतार की उत्पत्ति कलियुग के अंत में होगी. श्रीमद्भागवत पुराण के 12वें स्कंद के 24वें श्लोक में बताया गया है कि जब गुरु, सूर्य और चंद्रमा एक साथ पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करेंगे तब भगवान कल्कि अवतरित होंगे. कलियुग की समाप्ति और सतयुग के संधि काल में ये अवतरित होंगे. पुराणों में श्रीहरि के दसवें अवतार की जो तिथि बताई गई है उसके अनुसार भगवान सावन महीने के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को जन्म लेंगे.
भगवान कल्कि कहां होंगे अवतरित
कल्कि पुराण और अग्नि पुराण के अनुसार, कल्कि भगवान विष्णु का आखिरी अवतार होगा. श्री हरि का ‘कल्कि’ अवतार कलियुग के अंत में अवतरित होगा. भगवान विष्णु के अंतिम अवतार, कल्कि अवतार को एक शक्तिशाली शक्ति के रूप में वर्णित किया गया है. धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान कल्कि कलियुग के अंत में अपने सफेद घोड़े, देवदत्त पर सवार होकर आएंगे और बुराई की दुनिया को शुद्ध करेंगे. कल्कि पुराण के अनुसार भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद के पास स्थित संभल गांव में होना है.
भगवान विष्णु के पहला अवतार: मत्स्य
मत्स्य अवतार भगवान विष्णु का पहला अवतार है. इस अवतार में विष्णु जी मछली बनकर प्रकट हुए थे. मान्यता के अनुसार एक राक्षस ने जब वेदों को चुरा कर समुद्र की गहराई में छुपा दिया था, तब भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार में आकर वेदों को पाया और उन्हें फिर स्थापित किया.
भगवान विष्णु के दूसरा अवतार: कूर्म
कूर्म अवतार को ‘कच्छप अवतार’ भी कहते हैं. कूर्म अवतार में भगवान विष्णु ने क्षीरसागर के समुद्रमंथन के समय मंदर पर्वत को अपने कवच पर संभाला था, इस प्रकार भगवान विष्णु, मंदर पर्वत और वासुकि नामक सर्प की सहायता से देवों एवं असुरों ने समुद्र मंथन करके चौदह रत्नों की प्राप्ति की.
भगवान विष्णु के तीसरा अवतार: वराह
वराह यानी शुकर, इस अवतार के माध्यम से मानव शरीर के साथ परमात्मा का पहला कदम धरती पर पड़ा. मुख शुकर का था, लेकिन शरीर इंसानी था. उस समय हिरण्याक्ष नामक दैत्य ने अपनी शक्ति से स्वर्ग पर कब्जा कर पूरी पृथ्वी को अपने अधीन कर लिया था.
भगवान विष्णु के चौथा अवतार: नृसिंह
भगवान विष्णु के दस अवतारों में से चौथा अवतार नृसिंह हैं. इस अवतार में लक्ष्मीपति नर-सिंह मतलब आधे शेर और आधे मनुष्य बनकर प्रकट हुए थे. इसमें भगवान का चेहरा शेर का था और शरीर इंसान का था. नृसिंह अवतार में उन्होंने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए उसके पिता राक्षस हिरणाकश्यप का वध किया था.
भगवान विष्णु के पांचवां अवतार: वामन देवता
वामन देव को भगवान विष्णु का पांचवा अवतार माना जाता है. वामन देव त्रेतायुग में भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को माता अदिति और कश्यप ऋषि के घर जन्म लिया. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को वामन जयंती मनाई जाती है, इसी दिन भगवान विष्णु ने धरती पर वामन अवतार में जन्म लिया था.
भगवान विष्णु के छठें अवतार: परशुराम
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया पर भगवान विष्णु के अवतार परशुराम का जन्म हुआ था. भगवान परशुराम भार्गव वंश में जन्मे भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं, उनका जन्म त्रेतायुग में हुआ था, इस दिन किया गया दान-पुण्य कभी क्षय नहीं होता. अक्षय तृतीया के दिन जन्म लेने के कारण ही भगवान परशुराम की शक्ति भी अक्षय थी.
भगवान विष्णु के सातवें अवतार: प्रभु श्रीराम
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर श्रीराम के रूप में विष्णु जी ने सातवां अवतार लिया था. राम के जीवन का उद्देश्य एक आदर्श राजा और एक आदर्श इंसान बनना था. वह एक दयालु, करुणावान और न्यायप्रिय व्यक्ति थे. प्रभु श्रीराम ने अपने जीवन में हमेशा सत्य और धर्म का पालन किया.
भगवान विष्णु के आठवें अवतार: श्रीकृष्ण
धरती पर विकास होता गया और प्रभु श्रीराम के बाद भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया, जो कि राजनेता, राजनीतिज्ञ, प्रेमी बनकर उभरे. श्रीकृष्ण ने समाज के नियमों का आनन्द लेते हुए यह सिखाया कि सामाजिक ढांचे में रहकर कैसे फला-फूला जा सकता है और कैसे खुद को और अपने परिवार को आनंदित किया जा सकता है.
भगवान विष्णु के नौवें अवतार: महात्मा बुद्ध
वैशाख महीने की पूर्णिमा के दिन भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था. महात्मा बुद्ध को सृष्टि के पालनहार श्री हरि भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है. ‘महात्मा बुद्ध’, ऐसे व्यक्ति जिन्होंने नृसिंह से उठे मानव के सही स्वभाव को खोजा. उन्होंने मानव द्वारा ज्ञान की अंतिम खोज की पहचान की.
भगवान विष्णु के दसवां अवतार: कल्कि
भगवान कल्कि को भगवान विष्णु का 10वां अवतार माना जाता है. कल्कि पुराण और अग्नि पुराण के अनुसार, श्री हरि का ‘कल्कि’ अवतार कलियुग के अंत में अवतरित होंगे. श्रीमद्भागवत पुराण और कल्कि पुराण के अनुसार भगवान कल्कि का अवतार कलियुग की समाप्ति और सतयुग के संधिकाल में होगा. माना जाता है यह भगवान विष्णु का अंतिम अवतार होगा.