पश्चिम बंगाल के संदेशखाली (Sandeshkhali) में राष्ट्रीय महिला आयोग के बाद अब राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग इलाके का दौरा करने के लिये आ रही है . बुधवार को आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी से संदेशखाली को लेकर रिपोर्ट तलब की है. इतना ही नहीं, उनका एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को राज्य आएगा, इसकी जानकारी जनजातीय आयोग ने पत्र में दी है. दरअसल केंद्र सरकार और भाजपा ने संदेशखाली को लेकर एक साथ राज्य की सत्ताधारी पार्टी पर दबाव बढ़ाने का रुख अपनाया है. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने पहले राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी. महिला आयोग ने भी राष्ट्रपति को तीखी रिपोर्ट सौंपी है.
संदेशखाली में आदिवासियों की स्थिति पर पूरी रिपोर्ट तीन दिनों के भीतर देने का निर्देश
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव बीपी गोपालिका और राज्य पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार को पत्र लिखकर कहा है कि संदेशखाली में आदिवासियों की स्थिति पर पूरी रिपोर्ट तीन दिनों के भीतर दी जाए. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का एक प्रतिनिधिमंडल 15 फरवरी को उत्तरी संदेशखाली गया था. फिर 19 फरवरी को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा संदेशखाली गईं. दोनों ही मामलों में राज्य की ओर से बाधा डालने के आरोप लगे हैं. हालांकि, आदिवासी आयोग पहले ही राज्य को पत्र लिखकर सहयोग मांग चुका है. इसके अलावा, आदिवासी आयोग यह जानना चाहता है कि संदेशखाली में उठाई गई विभिन्न शिकायतों पर राज्य ने क्या कार्रवाई की है.
संदेशखाली सभ्य समाज में शर्मनाक घटना का सबसे खराब उदाहरण : रविशंकर प्रसाद
इस बीच बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व संदेशखाली को लेकर सुर बुलंद कर रहा है. बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीधा निशाना साधते हुए कहा, ‘संदेशखाली सभ्य समाज में शर्मनाक घटना का सबसे खराब उदाहरण है. कहां गई ममता बनर्जी की अंतरात्मा ? वह क्या छुपाने की कोशिश कर रही है? उन्होंने न सिर्फ तृणमूल बल्कि कांग्रेस पर भी निशाना साधा. उनका सवाल, ‘राहुल गांधी हर बात पर टिप्पणी करते हैं, यहां चुप क्यों हैं? पश्चिम बंगाल : संदेशखाली कांड में चीफ जस्टिस ने पुलिस को लगाई फटकार, शाहजहां को हाईकोर्ट में तलब करने का निर्देश