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हेमंत सोरेन को ईडी कोर्ट का डबल झटका, 7 मार्च तक रहेंगे जेल में, बजट सत्र में शामिल नहीं हो पाएंगे

हेमंत सोरेन को कोर्ट से डबल झटका लगा है. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो नेता हेमंत सोरेन को 7 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

हेमंत सोरेन को कोर्ट से डबल झटका लगा है. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को गुरुवार (22 फरवरी) को 7 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. वहीं दूसरी तरफ, झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में हेमंत सोरेन को शामिल होने की अनुमति देने से भी अदालत ने इंकार कर दिया.

जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन को ईडी ने किया था गिरफ्तार

जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार हेमंत सोरेन की हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंडरिंग एक्ट (पीएमएलए) कोर्ट में पेश किया. पीएमएलए कोर्ट के जज राजीव रंजन ने हेमंत सोरेन और ईडी के वकीलों की दलील सुनने के बाद झारखंड के पूर्व सीएम की न्यायिक हिरासत 7 मार्च तक बढ़ा दी.

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हेमंत सोरेन को बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति देने से इंकार

इससे पहले, पीएमएलए कोर्ट ने हेमंत सोरेन को झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति देने से इंकार कर दिया. हेमंत सोरेन की ओर से ईडी की विशेष अदालत में याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें कहा गया था कि विधानसभा के सत्र में उन्हें शामिल होने की अनुमति दी जाए. कोर्ट ने उनकी इस याचिका को खारिज कर दिया.

हेमंत सोरेन और भानु प्रताप की हुई ईडी कोर्ट में पेशी

बता दें कि हेमंत सोरेन को गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जेल से ही ईडी की विशेष अदालत में पेश किया गया. हेमंत सोरेन के साथ-साथ जमीन घोटाला मामले में ही गिरफ्तार किए गए राजस्व विभाग के कर्मचारी भानु प्रताप की भी कोर्ट में पेशी हुई. हेमंत सोरेन के वकील ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री को जमानत पर रिहा करने की अपील की, लेकिन ईडी के वकील ने इसका विरोध किया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने हेमंत सोरेन की न्यायिक हिरासत 7 मार्च तक बढ़ा दी.

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31 जनवरी की रात को हेमंत सोरेन को ईडी ने किया था गिरफ्तार

ज्ञात हो कि प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाला मामले में 31 जनवरी की रात को गिरफ्तार किया था. इसके पहले हेमंत सोरेन ने राजभवन जाकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, हेमंत सोरेन ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. कहा था कि जिस जमीन के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है, अगर कोई साबित कर दे कि यह जमीन उनके नाम पर है, तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे. झारखंड भी छोड़ देंगे.

चंपाई सोरेन के फ्लोर टेस्ट के दिन विधानसभा पहुंचे थे हेमंत सोरेन

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झारखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में चंपाई सोरेन ने शपथ ली थी. चंपाई सोरेन सरकार के शक्ति परीक्षण के दिन विधानसभा के विशेष सत्र में जाने की अनुमति हेमंत सोरेन ने मांगी थी. पीएमएलए कोर्ट ने उन्हें फ्लोर टेस्ट में शामिल होने की अनुमति दे दी थी. उस दिन हेमंत सोरेन ने विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय को जमकर खरी-खोटी सुनाई थी.

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विधानसभा में खड़े होकर राजभवन की भूमिका पर उठाए थे सवाल

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने विधानसभा में खड़े होकर उनकी गिरफ्तारी के मामले में राजभवन की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए थे. हालांकि, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने उनके आरोपों को बेबुनियाद करार दिया था. राज्यपाल ने कहा था कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी में उनकी कोई भूमिका नहीं है. हेमंत सोरेन खुद इस्तीफा देने के लिए राजभवन आए थे. बाद में राज्यपाल ने कहा कि जो लोग उन पर हेमंत सोरेन के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगा रहे हैं, उन्हें मालूम है कि वे झूठे आरोप लगा रहे हैं.

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