भागलपुर. भगवान का गर्भ में आना जीवों के कल्याण का कारण है. पंचकल्याणक भगवान के जीवन की पांच शुभ घटनाएं हैं. इनका प्रदर्शन आत्म कल्याण में सहायक है. लक्ष्य के प्रति सजग व्यक्ति,स्वयं अनुशासित हो जाता है. असावधानी, मुसीबतों की जननी है. गलती दुःखरूप में फलती है. ये बातें मुनिराज विशल्यसागर जी महाराज ने रविवार को कही. मौका था कोतवाली चौक समीप स्थित दिगंबर जैन मंदिर में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का.
आगे उन्होंने कहा कि सजग व्यक्ति टोकने का अवसर ही नहीं देते हैं. अधिक धन, पवित्र मन को हर लेता है और हरि से दूर कर देता है. जिन्हें पाप में रस है, उनके लिए धर्ममार्ग नीरस है. तरक्की जुगाड़ में नहीं, परिश्रम से होती है. अहंकार जीव को धिक्कार दिलाता ही है. जिन्हें दिल जीतना नहीं आता, वे हारने को तैयार रहें.
केसरिया व श्वेत वस्त्र धारण कर निकाली शोभायात्रा
इससे पहले प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शुरुआत गुरुआज्ञा पूर्वक आचार्य निमंत्रण से हुई. इसके बाद सैकड़ों की संख्या में केसरिया एवं श्वेत वस्त्र धारण कर महिला पुरुष श्रद्धालुओं ने शोभायात्रा निकाली. महिलाएं मस्तक पर कलश लेकर स्तुति गाते हुए चल रहीं थीं. नवयुवकों का उत्साह देखने लायक था. सभी भजन गाते हुए चल रहे थे. शोभायात्रा मारवाड़ी टोला से कोतवाली चौक होते हुए वापस मंदिर पहुंच पूरी हुई. ध्वजारोहण भाग चंद पाटनी ने किया. कार्यक्रम स्थल को प्रासुक जल से मंत्रों के द्वारा शुद्धिकरण किया गया. मंडप उद्घाटन करने का सौभाग्य वरुण पाटनी को प्राप्त हुआ. इसके बाद प्रतिष्ठाचार्य द्वारा सभी पात्रों की सकलीकरण, इंद्र प्रतिष्ठा, कलश स्थापना, दीपक स्थापना, भगवान जिनेंद्र का जलाभिषेक एवं शांति धारा करायी गयी.
पहले दिन गर्भ कल्याणक की पूजा, याेगमंडल विधान, सौधर्म इंद्र का दरबार, कुबेर इंद्र द्वारा रत्नवृष्टि, देवियां माता की सेवा के लिए प्रस्तुत तथा भगवान को गर्भ में धारण करने वाली माता से धार्मिक चर्चा आदि विभिन्न धार्मिक क्रियाएं की गयी.
सोमवार को जन्म व तप कल्याणक महोत्सव
पंचकल्याणक प्रतिष्ठा की सारी मंगल क्रियाएं मध्यप्रदेश के प्रतिष्ठाचार्य पंडित मुकेश शास्त्री के निर्देशन में की गयी. इनका सहयोग ब्रह्मचारिणी अलका दीदी एवं ब्रह्मचारिणी भारती दीदी कर रहीं थीं. सिद्धक्षेत्र मंत्री सुनील जैन ने बताया कि सोमवार को जन्म तथा तप कल्याणक महोत्सव मनाया जायेगा. मौके पर विजय रारा, पदम पाटनी, जयकुमार काला, सुमंत पाटनी, अशोक पाटनी, धर्मचंद गंगवाल, प्रकाश बड़जात्या, शंकर लाल जैन, संजय पाटनी, संजय विनायका उपस्थित थे.