मुजफ्फरपुर में शराब की खेप पकड़े जाने के मामले में सोमवार को पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की. इस मामले में कोर्ट ने बिहार सरकार को शराब के नाम पर जब्त किए गये हाजमोला के कार्टून को रिलीज करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि अगर मुजफ्फरपुर जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा ऐसा नहीं किया गया तो कोर्ट खुद उनके खिलाफ अवमानना का मामला चलायेगा. न्यायमूर्ति पीबी भजंत्री और न्यायमूर्ति आलोक कुमार पांडे की खंडपीठ ने मुजफ्फरपुर जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा हाजमोला के कार्टून को जब्त करने के बाद उसे शराब बताकर रिलीज करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा था जवाब
वहीं इससे पहले, इसी खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया था . कोर्ट ने शराब के साथ हाजमोला के कार्टून को भी जब्त कर लिए जाने के मामले पर सरकार से पूछा था कि आखिर यह कार्रवाई किस कानून के तहत की गई है. कोर्ट ने सरकार को जवाब देने के 26 फरवरी तक का समय दिया था.
कोर्ट ने कहा था की अगर अगली तारीख तक सरकार की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नही मिलता है तो कोर्ट मुजफ्फरपुर पुलिस या आबकारी विभाग के संबंधित अधिकारी को तलब करेगा.
शराब की बोतल के साथ मिला था हाजमोला
कोर्ट को बताया गया था कि याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद से ‘हाजमोला’ के सीलबंद कार्टून की बड़ी खेप को मुजफ्फरपुर ट्रांसपोर्ट किया था. पुलिस के अनुसार उस कार्टून की खेप से शराब के बोतल मिलने के बाद इसे उत्पाद विभाग द्वारा जब्त कर लिया गया था. मामले में मुजफ्फरपुर के मोतीपुर थाना में एक प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी.
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि उसने हाजमोला जब्त होने के बाद मुजफ्फरपुर के आबकारी अधीक्षक और जिलाधिकारी के समक्ष आवेदन देकर हाजमोला के बंद डब्बों को छुड़ाने की गुहार लगाई. लेकिन किसी भी अधिकारी ने याचिकाकर्ता की बात नहीं सुनी. जिसके बाद यह मामला हाई कोर्ट में दायर की गई.
हाजमोला निर्दोष है : याचिकाकर्ता
याचिकाकर्ता ने कोर्ट में बताया कि ट्रक में अवैध शराब लाए जाने की जानकारी उसके पास नहीं थी. लेकिन मद्यनिषेध विभाग के अधिकारियों ने शराब के साथ हाजमोल भी जब्त कर लिया. इस पूरे मामले में मेरा हाजमोला निर्दोष है और उसे रिहा किया जाना चाहिए.