बिहार में शिक्षा विभाग और राजभवन आमने-सामने है. बुधवार को शिक्षा विभाग की बैठक में बिहार के किसी भी विश्वविद्यालय के कुलपति शामिल नहीं हुए. शिक्षा विभाग की ओर से मिली चेतावनी के बावजूद भी कुलपतियों ने राज्यपाल सह कुलाधिपति के ही दिशा-निर्देशों का पालन किया. बैठक में सिर्फ दो विश्वविद्यालयों की ओर से तीन प्रतिनिधि ही शामिल हुए. जिसके बाद अब शिक्षा विभाग ने भी बैठक में अनुपस्थित सभी कुलपतियों,कुल सचिवों और परीक्षा नियंत्रकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.
वेतन पर रोक, नोटिस भेजा गया..
शिक्षा विभाग की बैठक में गुरुवार को किसी भी विश्वविद्यालय से कुलपति नहीं आए तो विभाग ने इसे गंभीरता से अब लिया है. चेतवानी के बाद भी बैठक में शामिल नहीं रहने वाले सभी कुलपतियों,कुल सचिवों और परीक्षा नियंत्रकों के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी गयी है. इनके वेतन को अगले आदेश तक रोका गया है. विश्वविद्यालयों के खाते पर भी रोक लगायी गयी है जबकि नोटिस जारी करके दो दिन के अंदर बैठक में शामिल नहीं होने की वजह पूछा गया है.
कुलपतियों ने बैठक में नहीं लिया हिस्सा
गौरतलब है कि बुधवार को शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक बुलाई थी. इस बैठक को लेकर राजभवन और शिक्षा विभाग में ठन गया था. शिक्षा विभाग की ओर से बकायदा पत्र लिखकर विश्वविद्यालयों को ये बताया गया था कि इस बैठक में हिस्सा लेना अनिवार्य होगा. यही नहीं, बल्कि विश्वविद्यालयों को भेजे गए पत्र में ये हिदायत भी दी गयी थी कि अगर इस बैठक में हिस्सा नहीं लेते हैं तो विभाग उनपर सख्त कार्रवाई करेगा.
शिक्षा विभाग ने रजिस्ट्रार से ली जानकारी..
वहीं बुधवार को जब बैठक हुई तो इसमें एक भी विश्वविद्यालय के कुलपति शामिल नहीं हुए. केवल दो विश्वविद्यालय की ओर से तीन प्रतिनिधि भेजे गए थे. सभी कुलपतियों ने राज्यपाल सह कुलाधिपति का ही दिशा-निर्देश माना. वहीं बैठक में जब कुलपति नहीं आए तो रजिस्ट्रार को फोन करके शिक्षा विभाग के अधिकारी ने वजह पूछी. तिलकामांझी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने फोन पर शिक्षा विभाग के अधिकारी को इस बैठक में कुलपति के शामिल नहीं होने की वजह भी बतायी.
दो दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम पर दिख रहा ग्रहण
बता दें कि शिक्षा विभाग ने दो और तीन मार्च को एक ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन रखा है. इसमें हिस्सा लेने के लिए सभी कुलपतियों, कुलसचिवों और अन्य अधिकारियों को बुलाया गया है. जबकि राज्यपाल सह कुलाधिपति ने कुलपतियों को निर्देश दिया है कि इस ट्रेनिंग सेमिनार में हिस्सा नहीं लें. बुधवार के हालात को देखते हुए अब इस दो दिवसीय कार्यक्रम में भी कुलपतियों के शरीक होने की संभावना कम लग रही है.