Weather Forecast: देश में मौसम का मिजाज बदल रहा है. कड़कड़ाती ठंड के बाद अब देशभर में गर्मी की दस्तक शुरू हो गई है. हालांकि कई राज्यों में अभी भी काफी ठंड पड़ रही है. पहाड़ों में हो रही बर्फबारी का उत्तर भारत में साफ असर दिखाई दे रहा है. आज यानी शुक्रवार को जम्मू क्षेत्र के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हुई है, जबकि मैदानी इलाकों में शुक्रवार को बारिश हुई, जिसके कारण तापमान में काफी गिरावट आ गई. वहीं मौसम विभाग ने कहा है कि तीन मार्च तक बारिश और बर्फबारी की संभावना है.
राजस्थान में हो रही है बारिश
इधर राजस्थान में एक तीव्र पश्चिम विक्षोभ के कारण दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान व आसपास के क्षेत्र के ऊपर दबाव क्षेत्र बना हुआ है. जिसके कारण जोधपुर, बीकानेर, अजमेर, जयपुर, भरतपुर व उदयपुर संभाग के कुछ भागों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश, 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से अचानक तेज हवाएं कहीं-कहीं ओलावृष्टि की भी संभावना है. मौसम विभाग का कहना है कि परसो यानी रविवार में मौसम में सुधार होने की उम्मीद है. गौरतलब है कि राजस्थान में दो अलग-अलग जगहों पर आकाशीय बिजली की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो गई और चार लोग झुलस गये.
इस बार अधिक गर्मी पड़ने की संभावना
वहीं, देश के कई राज्यों में अब गर्मी की दस्तक हो चुकी है. ठंड में कमी आ रही है. सुबह शाम को सर्दी खूब सताती है. लेकिन, दिन की तेज धूम में सर्दी का अहसास नहीं होता. इसी कड़ी में भारत मौसम विज्ञान विभाग ने आज यानी शुक्रवार को कहा कि देश में इस साल गर्मी के मौसम की शुरुआत काफी अधिक गर्म रहने की संभावना है. मौसम विभाग का कहना है कि पूरे मौसम के दौरान अल-नीनो का प्रभाव बना रह सकता है. जिसके कारण उत्तर-पूर्व के प्रायद्वीपीय भारत, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक, महाराष्ट्र और ओडिशा के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक दिनों तक लू चल सकता है.
मार्च में सामान्य से अधिक हो सकती है बारिश
विभाग ने कहा कि देश में मार्च में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है. विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत के ज्यादातर हिस्सों में मार्च और मई के बीच अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि मार्च में उत्तर और मध्य भारत में लू चलने की संभावना नहीं है.
अल नीनो का दिखेगा प्रभाव
विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि अलनीनो गर्मी के पूरे मौसम में बना रहेगा तथा उसके बाद तटस्थ स्थिति बन सकती है. ला-नीना परिस्थिति मानसून के उत्तरार्ध में बनने की संभावना है. यह आमतौर पर भारत में अच्छी मानसूनी वर्षा से संबंधित है. बता दें, मध्य प्रशांत महासागर में समुद्री जल के नियमित अंतराल पर गर्म होने की स्थिति को अल नीनो कहा जाता है. भाषा इनपुट से साभार