रांची : कांके डैम (गोंदा डैम) का पानी प्रदूषित हो गया है. पानी हरे रंग में तब्दील हो चुका है. ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि डैम के किनारे का अधिकांश हिस्सा जलकुंभी से पटा हुआ है. समय-समय पर डैम की सफाई नहीं की जा रही है. इस कारण गाद जमा हो गया है. ज्ञात हो कि कांके डैम से शहर के तीन लाख लोगों को पानी की सप्लाई की जाती है. आसपास के लोगों का कहना है कि काफी समय से डैम की सफाई नहीं की गयी है. इस कारण जलकुंभी तेजी से फैलती जा रही है. वहीं, कांके डैम के कैचमेंट एरिया में दर्जनों अवैध मकान का निर्माण कर लिया गया है. यह भी संकट का कारण बनता जा रहा है. गोंदा डैम में जलापूर्ति के लिए फिलहाल 23 फीट पानी है. डैम का उच्चतम जलस्तर 28 फीट है. वहीं, सात फीट से पानी कम होने पर डैम से जलापूर्ति नहीं की जा सकती है, क्योंकि डैम में सात फीट तक गाद जमा हो चुका है.
जलाशय में अत्यधिक मात्रा में एल्गी व जलकुंभी का निर्माण हो रहा है. धूप और गर्मी की वजह से जलकुंभी के सड़ने और शहर के विभिन्न नालों से आनेवाले गंदे पानी व कचरे के कारण जलाशय में गाद भरता जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से डैम से गंदे पानी की भी आपूर्ति हो रही है. इधर, जल की गुणवत्ता सुधारने के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट निकाला है. संबंधित कंपनियों से इसके लिए आवेदन आमंत्रित किया गया है.
विसर्जन कुंड में फैली है गंदगी :
डैम के किनारे विसर्जन कुंड बनाया गया है. लेकिन, विसर्जित किये गये सामान को अब तक हटाया नहीं गया है. इस कारण पानी से दुर्गंध भी आ रही है.