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दुमका संसदीय क्षेत्र में इस बार होगी कांटे की टक्कर, मोदी मैजिक और हेमंत सोरेन का जेल जाना बनेगा मुद्दा

झामुमो भाजपा के लिए दुमका सीट प्रतिष्ठा का विषय होगा. 2019 में दुमका से सांसद रह चुके शिबू सोरेन को भाजपा के सुनील सोरेन ने हराया था.


आनंद जायसवाल, दुमका: दुमका संसदीय क्षेत्र में कांटे की टक्कर होगी. इस सीट पर सीधा मुकाबला भाजपा और झामुमो के बीच होगा. भाजपा सीट बचाने के लिए, तो झामुमो वापसी के लिए संघर्ष करेगा. मोदी मैजिक के जरिये भाजपा नैया पार लगाने की कोशिश करेगी, तो झामुमो हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद इस मुद्दे को लेकर चुनाव दंगल में बिगुल फूंक चुका है.

प्रतिष्ठा का विषय होगी दुमका सीट :

दोनों दलों के लिए दुमका सीट प्रतिष्ठा का विषय होगी. 2019 में आठ बार दुमका से सांसद रह चुके शिबू सोरेन को भाजपा के सुनील सोरेन ने हराया था. झामुमो छोड़ कर भाजपा में गये सुनील सोरेन ने 14 साल पहले 2005 में भी शिबू सोरेन के बड़े बेटे दुर्गा सोरेन को चुनावी घमसान में पराजित किया था. हालांकि, 2009 व 2014 के चुनाव में वह शिबू सोरेन से मात खा गये थे. लेकिन दोनों ही बार जीत का अंतर ज्यादा बड़ा नहीं था. 2014 में त्रिकोणीय मुकाबला होने से मोदी लहर के बावजूद शिबू अपने गढ़ को बचाने में कामयाब रहे थे. तब जेवीएम उम्मीदवार बाबूलाल मरांडी भी चुनावी दंगल में थे.

2019 की तुलना में 1.67 लाख मतदाता बढ़े

पिछले पांच साल में दुमका लोकसभा क्षेत्र में वोटरों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है. यह इजाफा अगर प्रतिशत में देखें, तो लगभग 12 प्रतिशत है. एक लाख 67 हजार 78 वोटर 2019 की तुलना में 22 जनवरी 2024 तक इस संसदीय क्षेत्र में बढ़ चुके हैं. इनमें महिला वोटरों की संख्या में ही केवल 98 हजार 605 का इजाफा हुआ है. महिला वोटर की संख्या पांच साल में 14.54 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि पुरुष वोटरों की संख्या में 9.54 प्रतिशत इजाफा हुआ है.

दुमका विस क्षेत्र में होती है सबसे कम वोटिंग

दुमका संसदीय क्षेत्र में 2014 की तुलना में 2019 के चुनाव में वोटिंग का प्रतिशत भले ही 2.05 प्रतिशत बढ़ गया था, पर यह बात चिंताजनक है कि दुमका विधानसभा क्षेत्र के वोटर ही लोकसभा चुनाव में सबसे कम वोट डालने निकले थे. 2014 के चुनाव में भी सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में से दुमका विस क्षेत्र का वोटिंग प्रतिशत सबसे कम था. दुमका लोकसभा क्षेत्र में कुल वोटिंग का प्रतिशत 71.38 रहा था, तो दुमका विस क्षेत्र के 66.66 प्रतिशत ही वोटर वोट करने निकल पाये थे. वहीं इसके ठीक विपरीत शिकारीपाड़ा के 75.15, नाला के 73.99, जामताड़ा के 71.42,जामा के 70.78 व सारठ के 71.56 प्रतिशत वोटर टर्नअप हुए थे. 2019 में दुमका संसदीय क्षेत्र का वोटिंग प्रतिशत बढ़कर 73.43 पर पहुंचा, तो दुमका विस क्षेत्र का वोटिंग प्रतिशत और घट गया. यहां के 65.99 प्रतिशत वोटर ही 2019 के चुनाव में टर्नअप हुए थे. 2019 के चुनाव में शिकारीपाड़ा क्षेत्र में 74.44, नाला में 78.57, जामताड़ा के 74.01, जामा के 71.32 व सारठ के 75.70 प्रतिशत वोटर टर्नअप हुए थे.

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