रांची : किसी उपभोक्ता के घर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा हुआ है और उसमें गड़बड़ या रीडिंग गलत है, तो उसकी जांच करा सकते हैं. उपभोक्ता की शिकायत पर लाइसेंसी सात दिनों में मीटर टेस्ट कराकर बतायेगा कि सही है या गलत. स्मार्ट मीटर को लेकर झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग रेगुलेशन लाने जा रही है. इस रेगुलेशन का नाम है-प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग रेगुलेशन 2024 . इसका प्रस्ताव तैयार कर आयोग की वेबसाइट पर डाला गया है और जनता से आपत्ति व सुझाव की मांग की गयी है.
प्रस्ताव के अनुसार, उपभोक्ता की मांग पर पोस्ट पैड से प्रीपेड किया जाता है, तो लाइसेंसी पुराने मीटर को हटाकर नया स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगायेगा. स्मार्ट मीटर लगने के बाद लाइसेंसी द्वारा प्रत्येक माह रिमोट रीडिंग की जायेगी. बिजली की खपत संबंधित डाटा उपभोक्ता को वेबसाइट, मोबाइल एप या एसएमएस के माध्यम से उपलब्ध कराया जायेगा. स्मार्ट मीटर लगाने पर किसी प्रकार की सिक्यूरिटी डिपॉजिट नहीं ली जायेगी. पोस्ट पैड कनेक्शन से प्रीपेड किये जाने पर पूर्व से उपभोक्ता द्वारा जमा की गयी सिक्यूरिटी मनी को एडजस्ट किया जायेगा. लाइसेंसी को यह सुनिश्चित करना होगा कि मीटर टेस्टेड और सर्टिफाइड हो. उपभोक्ता द्वारा लगाये स्मार्ट मीटर पर बिलिंग की गणना प्रतिदिन के आधार पर होगी.
वास्तविक खपत पर होना चाहिए प्रीपेड बैलेंस का अपडेट :
जानकारी के अनुसार, प्रीपेड बैलेंस का अपडेट वास्तविक खपत के आधार पर होना चाहिए. उपभोक्ताओं को प्रीपेड मीटर रिचार्ज करने के लिए विभिन्न ऑनलाइन मोड की सुविधा मिलनी चाहिए. मिनिमम और लो बैलेंस होने पर उपभोक्ताओं को मोबाइल पर सूचना देनी है. उपभोक्ताओं को 200 के गुणक में अलग-अलग रिचार्ज प्लान उपलब्ध कराना होगा. मिनिमम बैलेंस का निर्धारण लोड के आधार पर वितरण कंपनी करेगी. उपभोक्ता का बैलेंस खत्म हो जाता और वह रिचार्ज नहीं कराता है , तो बिजली आपूर्ति स्वत: बंद करने का प्रावधान किया गया है. उपभोक्ता को 20 प्रतिशत बैलेंस के बाद तीन बार अलर्ट भेजना होगा. प्रीपेड बिलिंग में लाइसेंसी के पास मिनिमम चार्ज, फिक्स्ड चार्ज, कंजम्पशन चार्ज व अन्य किसी प्रकार के चार्ज जो लागू है, तो उसको भी सिस्टम में लाना होगा.