धनबाद : शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) की डायलिसिस यूनिट के गोदाम में शुक्रवार की रात लगी भीषण आग से चिकित्सा सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई है. 40 से ज्यादा मरीज दूसरे अस्पतालों में चले गये हैं. इस घटना में डायलिसिस में इस्तेमाल होने वाले सभी सामान जलकर नष्ट हो गये हैं. वही डायलिसिस यूनिट को भी नुकसान पहुंचा है. घटना में 60 लाख से ज्यादा की संपत्ति का नुकसान होने का अनुमान है. तीन सदस्यीय कमेटी अग्निकांड के कारणों की जांच करेगी.
निबंधित मरीजों की निजी अस्पतालों में होगी डायलिसिस
अस्पताल में सुचारू रूप से डायलिसिस यूनिट शुरू नहीं होने तक यहां निबंधित सभी मरीजों का निजी अस्पतालों में डायलिसिस कराया जायेगा. इसे लेकर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सह प्रभारी अधीक्षक डॉ ज्योति रंजन प्रसाद ने सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानु प्रतापन को पत्र लिखा. सिविल सर्जन ने तत्काल प्रभाव से शहर के चार निजी अस्पतालों को पत्र भेज एसएनएमएमसीएच के मरीजों का डायलिसिस करने का निर्देश दिया है.
इन अस्पतालों में होगी डायलिसिस
सिविल सर्जन ने नावाडीह स्थित असर्फी अस्पताल, बरटांड़ स्थित एशियन द्वारिकादास जालान अस्पताल, बलियापुर रोड स्थित जेपी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के साथ सदर अस्पताल परिसर में पीपीपी मोड पर संचालित डायलिसिस केंद्र प्रबंधन को एसएनएमएमसीएच के मरीजों का तत्काल प्रभाव से डायलिसिस शुरू करने का निर्देश दिया है. सोमवार को एसएनएमएमसीएच में निबंधित मरीजों की सूची सभी अस्पताल प्रबंधन को मुहैया करा दी जायेगी. बता दें कि एसएनएमएमसीएच में नियमित रूप से डायलिसिस कराने वाले मरीजों की संख्या लगभग 50 है. अस्पताल में रोजाना 12 से 14 मरीजों का डायलिसिस की जाती है.
इन विभागों के मरीज गये
एसएनएमएमसीएच में लगी आग से अस्पताल परिसर में फैले धुएं से शुक्रवार की रात कई परिजन अपने मरीज को लेकर दूसरे अस्पताल चले गये. अस्पताल प्रबंधन के अनुसार शुक्रवार की रात पेडियाट्रिक विभाग में कुल 22 नवजात भर्ती थे. आग से वार्ड में फैले धुएं को देखते हुए मेडिकल स्टाफ व परिजन अपने-अपने नवजात को बाहर लेकर निकल गये. बाद में सभी को सेंट्रल इमरजेंसी में रखा गया. कई परिजन अपने नवजात को लेकर दूसरे अस्पताल चले गये थे. शनिवार को इनमें से 18 नवजात एनआइसीयू व एसआइसीयू में लौट गये. वहीं अन्य चार नवजात दूसरे अस्पताल में हैं. इसी तरह गायनी, मेडिसिन, आइ, ऑर्थों से लगभग 39 मरीज आग लगने की घटना के बाद बाहर निकले, लेकिन शनिवार की शाम तक नहीं लौटे. इन सभी मरीज को अस्पताल प्रबंधन की ओर से शनिवार की शाम लामा कर दिया गया है.