Indian Idol 14 Winner : सिंगिंग रियलिटी शो इंडियन आइडल 14 की ट्रॉफी को सिंगर वैभव गुप्ता ने अपने नाम कर लिया है. कानपुर के रहने वाले वैभव गुप्ता ने ट्रॉफी के साथ साथ 25 लाख की प्राइज मनी भी अपने नाम कर ली है. वह इस जर्नी में सभी के शुक्रगुज़ार हैं, जिन्होंने उनपर भरोसा किया. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत.
अंजना, अनन्या ,शुभदीप और पीयूष को हराकर आपने ट्रॉफी अपने नाम कर ली. कब लगा कि मैं इनमे से बेस्ट सिंगर साबित होऊंगा?
हम सारे प्रतियोगी कमाल का गा रहे थे. हमने अपने परफॉरमेंस से लोगों के दिल में जगह बनायी. मुझे लगता है कि ये जनता पर होता है कि वो किसे बहुत पसंद करती है. मुझे नहीं लगता है कि एक ट्रॉफी ये तय कर सकती है कि कौन बेस्ट है. मुझे लगता है कि जो भी टॉप 6थे, वो सभी विनर थे. हम सबने मिलकर इस शो को खूब आगे बढ़ाया.
Indian Idol 14 Winner: आपके पापा शो में आए, वो पल कितना खास था?
पापा हमेशा से कहते थे कि तेरा वक्त कब आएगा. पापा ने कहा था कि अब तुम कुछ कर लोगे, तभी मैं तुम्हें आशीर्वाद देने आऊंगा. हमेशा से पापा चाहते थे कि मैं अपनी लाइफ में कुछ कर लूं. ताकि आगे जाकर मैं अपने पैरों पर खुद खड़ा हो सकूं. जब पापा अभी आए तो बहुत खुश थे. मुझे बहुत खुशी होती है कि मैं अपने पापा को गर्व महसूस करवा पाया. उन्हें वह इज्जत और एहसास दे पाया कि लोग उन्हें मेरे नाम से जान पाते हैं. बहुत ही कमाल था, वो पापा का आना और मुझे आशीर्वाद देना.
तीनों जजेस में से सबसे बड़ा सपोर्ट सिस्टम कौन रहा?
तीनों ही जजेस ने मेरी हौसलाअफजाई की है. विशाल सर हमेशा कहते थे कि तुम्हारा थ्रो, तुम्हारा ग्रंच बहुत अच्छा है. शानू दा कहते थे कि जब तुम कोई रोमांटिक इमोशनल सांग गाते हो लगता ही नहीं कि तुम फ़ास्ट या पैप्पी नंबर भी गा सकते हो और तुम सुखविंदर सिंह जी के भी गाने गाते हो. श्रेया मैम भी बहुत हौसला बढ़ाती थी. वह ऑफ कैमरा भी ज्यादा से ज्यादा रियाज करने को कहती थी तो मैं तीनों जजेस को श्रेय देना चाहूंगा.
कानपुर से मुंबई के सफर को कैसे परिभाषित करेंगे?
कानपुर से मुंबई का जो सफर रहा है. ये बहुत खूबसूरत रहा है. कानपुर में पूरे दिन म्यूजिक में रहना. कोचिंग से आना और तुरंत बैंड रिहर्सल में चले जाना. मैं शोज करता था. हम शोज के लिए प्रैक्टिस करते थे. हमारे घर से प्रैक्टिस करने की जगह एक घंटे के दूरी पर थी. मैं हर दूसरे दिन वहां जाता था. मुझे लगता है कि जो मेहनत मैं म्यूजिक को लेकर कर रहा था. वो भगवान ने देखी और मुझे विनर बना दिया.
छोटे शहर से होने से क्या संघर्ष बढ़ जाता है?
मुझे लगता है कि शहर छोटा बड़ा होना मायने नहीं रखता है. बस आपका टैलेंट और मेहनत मायने रखता है और कुछ नहीं. आपके अंदर टैलेंट है, तो आप छोटे शहर से आकर भी बड़े बन सकते हैं. आपके अंदर कला नहीं है फिर चाहे आप किसी भी बड़े शहर से आते हो. आप बड़े नहीं बन सकते हो.
ऑडिशन जब दिया था तो क्या लगा था कि इस बार इंडियन आइडल का विजेता मैं ही बनूंगा?
जब मैं ऑडिशन देने आया था, तो मैं पूरे आत्मविश्वास के साथ हंसते हुए आया था. मैंने गाना भी वैसा ही मस्तमौला टाइप हमका पीनी है गाया था. लोगों ने उस ऑडिशन से बहुत प्यार दिया. इस जर्नी में मैं बहुत खुश हुआ. मैं कॉन्फिडेंट था. मेरा बस एक मोटिव था कि अच्छा म्यूजिक करना है. गानों को बहुत अच्छे से निभाना है और लोगों तक अपनी आवाज पहुंचानी है शायद मैं उसमे कामयाब हो पाया इसलिए मैं सीजन 14 का विनर बन पाया है.
म्यूजिक में आपके मोटिवेशन कौन रहे हैं?
म्यूजिक में मेरे मोटिवेशन सुखविंदर सर रहे हैं. विशाल मिश्रा सर से भी प्रभावित हूं. वो कानपुर से निकलकर अपना एक बड़ा नाम बनाया है. देखकर लगता है कि मेहनत ही आपको बना सकता है.
अक्सर कहा जाता है कि रियलिटी शो के बाद सिंगर का असल संघर्ष शुरू होता है?
ये सच है कि हां रियलिटी शो के जरिये हम बस बता पाते हैं कि हमारी आवाज ऐसी है. संघर्ष खत्म नहीं होता है बल्कि विनर बनने के बाद भार बढ़ जाता है. हमें लगातार साबित करते रहना पड़ता है कि हम और अच्छा कर रहे हैं. आखिरकार इतने लोगों का भरोसा आपके कंधों पर रहता है, जिन्होने आपको विनर बनाया है. वैसे मेरा मानना है कि चाहे कोई कितना भी सफल हो जाए. वो जिंदगी में कुछ ना कुछ संघर्ष करता रहेगा. संघर्ष कभी खत्म नहीं होता है.
क्या आपने इंडियन आइडल से पहले किसी और सिंगिंग रियलिटी शो के लिए ऑडिशन भी दिए हैं?
मैंने कई सिंगिंग रियलिटी शो के ऑडिशंस दिए हैं. मैंने बहुत रिजेक्शन भी झेला है. रिजेक्शन के बाद और मेहनत करता था. मेरी मेहनत ही थी, जो इंडियन आइडल 14 का विनर बना. अभी और जीतना बाकी है.
जीती हुई प्राइज मनी से क्या करने वाले हैं?
मेरा हमेशा से एक ड्रीम स्टूडियो बनाने का सपना था, जहां मैं अपनी तरह का म्यूजिक बना सकूं, तो जीती हुई प्राइज मनी से वही करना है. श्रोताओं को अच्छा म्यूजिक देना है.