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पीएम मोदी और विपक्ष की नजर में अलग-अलग हैं परिवारवाद के मायने, जानिए अखिलेश-राहुल और तेजस्वी क्या बोले..

पीएम नरेंद्र मोदी से अलग है राहुल गांधी, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव के लिए परिवारवाद की परिभाषा..

आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी दलों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. अब प्रत्याशियों की सूची भी जारी होने लगी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के औरंगाबाद में हाल में रैली को संबोधित किया तो उनके निशाने पर परिवारवाद वाली पार्टी थी. बिहार आकर परिवारवाद पर प्रहार करके प्रधानमंत्री ने एकसाथ कई दलों को निशाने पर लिया था. जिसमें बिहार से राजद, यूपी से समाजवादी पार्टी तो देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस को भी शामिल किया जाएगा. वहीं प्रधानमंत्री के परिवारवाद वाले आरोप का जवाब भी विपक्ष ने दिया. मौका था पटना में आयोजित जनविश्वास रैली का. जो प्रधानमंत्री के बिहार दौरे के ठीक अगले ही दिन आयोजित किया गया था और परिवारवाद का आरोप झेल रही तीन बड़ी पार्टियों के नेता एकसाथ मंच पर मौजूद थे.

देश की राजनीति में परिवारवाद के दो प्रकार..

देश की राजनीति में जिस परिवारवाद का जिक्र किया जाता है वो अब दो तरह का हो चुका है. एक परिवारवाद वो है जिसे सत्ता पक्ष अपना हथियार बनाती रही है. वहीं दूसरा परिवारवाद वो है जिसे ढाल बनाकर विपक्ष सत्ताधारी दल भाजपा पर पलटवार करती है. शनिवार को औरंगाबाद की रैली से प्रधानमंत्री मोदी ने जब परिवारवाद वाली पार्टी का जिक्र किया तो रविवार को पटना की रैली से विपक्षी नेताओं ने इसका जवाब दिया.

अखिलेश यादव परिवारवाद पर बोले..

उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी अपने को परिवारवादी बताये जाने के मसले पर मोदी सरकार पर सख्त एतराज जताया. कहा कि भाजपा संकल्प ले कि वह इस चुनाव में किसी भी परिवार वाले को टिकट नहीं देगी. वोट मांगने भी नहीं जायेंगे. साफ किया कि हम लोग बिल्कुल साफ तरह की राजनीति करते हैं.

तेजस्वी यादव परिवारवाद पर बोले..

वहीं, प्रधानमंत्री की तरफ से लगाये जानेवाले परिवारवाद के आरोपों पर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सम्राट चौधरी, पशुपति पारस और दूसरे नेताओं का जिक्र करते हुए बताया कि क्या ये परिवारवाद नहीं है? उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री ये बोल रहे थे तब उनके पीछे ही सम्राट चौधरी, रामविलास पासवान के भाई बैठे हुए थे. भाजपा में भी परिवारवाद वाले कई लोग हैं. जीतनराम मांझी के बेटे को मंत्री बना दिए तो वहां परिवारवाद नहीं था?

लालू यादव परिवारवाद पर बाेले..

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने नरेंद्र मोदी की तरफ से लगाये जाने वाले परिवारवाद के आरोपों पर सख्त टिप्पणी की. जन विश्वास रैली में उन्होंने कहा कि ये मोदी क्या है? वो क्या चीज है. तुमको (मोदी को) संतान नहीं हुई ? ज्यादा संतान पर बात करते हैं. तुम्हारे पास परिवार नहीं है.

परिवारवाद के आरोप पर राहुल गांधी ने जब किया था पलटवार..

बता दें कि परिवारवाद वाले आरोप पर पूर्व में सांसद राहुल गांधी भी अपना पक्ष रख चुके हैं. उन्होंने सवाल किया था कि अमित शाह के बेटे और राजनाथ सिंह के बेटे क्या कर रहे हैं. अमित शाह के बेटे भारतीय क्रिकेट को चला रहे हैं. भाजपा के अंदर भी कई नेताओं के बेटे राजनीति में सक्रिय हैं. उन्होंने अनुराग ठाकुर का भी जिक्र किया था.

पीएम मोदी की नजर में परिवारवाद क्या है..

गौतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में पिछले महीने ही परिवारवाद को लेकर कांग्रेस पर सवाल खड़े किए थे. इस दौरान उन्होंने परिवारवाद की व्याख्या की थी. पीएम मोदी ने कहा था कि एक ही परिवार के दस लोगों का राजनीति में आना बुरी बात नहीं है. हम तो चाहते ही हैं कि नये और युवा राजनीति में आएं. अगर कोई परिवार अपने बलबूते पर और जनता के समर्थन से राजनीति में बढ़ते हैं तो उसे हमने कभी परिवारवाद नहीं कहा. लेकिन जो पार्टी ही परिवार से चलती है. जिस पार्टी के तमाम फैसले एक परिवार ही लेते हैं, वो परिवारवाद है. पीएम ने अमित शाह और राजनाथ सिंह का जिक्र करते हुए कहा था कि इन्हें परिवारवाद से इसलिए नहीं जोड़ा जा सकता क्योंकि इनकी कोई पॉलिटिकल पार्टी नहीं है. अगर परिवार के दस लोग भी प्रगति करते हैं तो मैं स्वागत करूंगा.

परिवारवाद लोकतंत्र के लिए खतरा- बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा था कि कुछ जगह परिवार ही पार्टियां चलाती हैं. ये तय रहता है कि अगर ये पार्टी अध्यक्ष नहीं होगा तो उसका बेटा होगा. ये लोकतंत्र के लिए खतरा है और परिवारवादी पार्टियों की राजनीति हम सबके लिए चिंता का विषय होना चाहिए.

नीतीश कुमार भी कर चुके हैं परिवारवाद का विरोध..

राजनीति में परिवारवाद का विरोध बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कर चुके हैं. महागठबंधन से अलगाव के ठीक पहले कर्पूरी जयंती के दौरान एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा था कि कर्पूरी ठाकुर ने राजनीति में कभी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया. मैंने भी उनसे प्रेरणा लेकर कभी परिवार को राजनीति में आगे नहीं बढ़ाया. आजकल लोग अपने परिवार को ही आगे बढ़ाते हैं.

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