World Obesity Day: अक्सर लोग मोटापे को पोषण मानते हैं. मोटा होने के बाद भी अपने खान-पान के प्रति गंभीर नहीं होते. वे सोचते हैं मोटा होने का मतलब स्वस्थ होना है, जबकि स्थिति ठीक इसके विपरीत होती है. माेटापा एक रोग ही है, जिसकी वजह से व्यक्ति कई तरह की बीमारियों का शिकार हो जाता है. मुजफ्फरपुर की बात करें तो यहां महिलाओं में मोटापे का अनुपात 16.5 है. यानी हर 20 महिलाओं में तीन मोटापे की शिकार हैं. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है.
पांच वर्षों में महिलाओं में मोटापे का अनुपात बढ़ा
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि पिछले पांच वर्षों में महिलाओं में मोटापे का अनुपात बढ़ा है. पहले यहां का अनुपात 10.5 फीसदी था. वैसे तो मोटापे के कई कारण हैं. जिसमें जरूरत से ज्यादा कैलोरी लेना और उस अनुपात में शारीरिक श्रम नहीं करना है. खासकर फास्ट फूड, जंक फूड और फ्रायड फूड से मोटापा की समस्या अधिक होती है. जो महिलायें शारीरिक श्रम कम करती हैं और व्यायाम या योग नहीं करती हैं, वे मोटापे का शिकार हो जाती हैं. सबसे बड़ी बात है कि वे इसे कोई समस्या नहीं मानती और इसके कम करने के लिये डॉक्टर से परामर्श भी नहीं लेती.
मोटापे की वजह से होने वाले प्रमुख रोग
मोटापे की वजह से मधुमेह, दिल की बीमारी, उच्च रक्तचाप, ब्रेन स्ट्रोक, पित्ताशय का रोग, फैटी लीवर की बीमारी और उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या आती है. जब एक बार यह रोग हो जाता है तो लंबे समय तक दवा लेनी पड़ती है. कई स्थितियों में व्यक्ति को उम्र भर दवा लेनी पड़ती है. डॉक्टर बताते हैं कि मोटापे को समय रहते कंट्रोल कर लिया जाये तो इन सारी बीमारियों से बचा जा सकता है.
ऐसे जानें आप मोटे हैं या नहीं
आप मोटे हैं या नहीं, इसका पता बीएमआइ के जरिये किया जा सकता है. उम्र के हिसाब से यदि आपका वजन अधिक है तो आप मोटेपन के शिकार हैं. इसे मापने के लिये पहले अपना वजन मीटर में मापें. फिर जितना मीटर हो उसका स्कायवर करें यानी जितना मीटर हो उसे उतने ही मीटर से गुना करें. फिर जो रिजल्ट आये उससे वजन में भाग दें. यदि 18.5 से 24.9 तक का अंक आये तो आपका बीएमआई ठीक है. यानी आप मोटे नहीं हैं, लेकिन उससे अधिक हो तो आप मोटापे का शिकार हैं.
बच्चे भी हो रहे मोटापे के शिकार
जिले के बच्चे भी मोटापे की बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं. फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार जिले में 1.9 बच्चे मोटापे के शिकार हैं. इसकी वजह भी जरूरत से अधिक कैलोरी का सेवन है. आजकल बच्चे बाहर की चीजें अधिक खाते हैं, जिसमें पर्याप्त मात्रा में कैलोरी होती है. बच्चे पहले की तरह शारीरिक श्रम नहीं करते हैं. खेलकूद की अपेक्षा बच्चे का अधिकतर समय मोबाइल देखने में बीतता है. इसके कारण वे शारीरिक श्रम नहीं कर पाते हैं. इससे उनमें मोटापे की समस्या बढ़ रही है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
वरीय शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अरुण साह कहते हैं कि बच्चों में मोटापा बढ़ा है. ऐसे बच्चों में बाद में डायबिटीज, ब्लड प्रेशर सहित अन्य तरह की बीमारियां होने का खतरा होता है. अभिभावकों को बच्चों को जरूरत से अधिक खाना नहीं खिलाना चाहिए. बच्चा मोटा हो रहा हो तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.