दुमका : महाशिवरात्रि की तैयारी जोरों पर है. शिवालयों में तैयारी के साथ ही श्रद्धालुओं में भी उत्साह का माहौल है. मंदिर प्रांगण में स्थापित सभी मंदिरों को वाइट वाश किया जा रहा है. इससे महाशिवरात्रि के दिन पूरा मंदिर परिसर दूधिया रंग में नजर आयेगा. महाशिवरात्रि की तैयारी को लेकर मंदिर प्रभारी सह सीओ आशुतोष ओझा ने बताया कि बाबा की शादी में किसी चीज की कोई कमी नहीं रह जाये. इसके लिए वे स्वयं तैयारी में जुटे हुए हैं. प्मंदिर परिसर को आकर्षक फूलों से सजाया जायेगा. इसके अलावा रंगीन लाइट से मुख्य मंदिर समेत सभी मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया जायेगा. मंदिर प्रांगण के फर्श की भी साफ-सफाई करायी जा रही है. इस वर्ष भी महाशिवरात्रि का पावन पर्व भक्तिभाव व आनंद के साथ मनाने का निर्णय लिया गया है. भक्तों को कोई असुविधा न हो इसकी रूपरेखा तय की गयी है. यहां गाजे-बाजे के आठ मार्च को परंपरागत तरीके से बाबा फौजदारीनाथ का विवाह होगा. मंदिर प्रांगण में सभी मंदिरों की साफ-सफाई और रंग रोगन के साथ की शिव-विवाह की तैयारी जोर शोर से चल रही है. महाशिवरात्रि के एक दिन पहले बाबा फौजदारीनाथ को उबटन लगाये जाने की पौराणिक परंपरा रही है, संध्या समय सदावरत का वितरण किया जाता है. वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच मंदिर गर्भगृह में लावा कांसा चढ़ाये जाने की परंपरा रही है. महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ की विशेष पूजा आरती होगी.
दो दिने पहले गुंबद उतरेगा पंचशूल
बासुकिनाथ मंदिर के शीर्ष पर पंचशूल लगे हैं. यहां हर साल महाशिवरात्रि से दो दिनों पहले मंदिर से पंचशूल उतारे जाते हैं. इस दौरान पंचशूल को स्पर्श करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है. पंचशूल को नीचे लाकर महाशिवरात्रि से एक दिन पहले विशेष रूप से उनकी पूजा की जाती है. पंचशूल को मंदिर के शीर्ष गुंबद पर यथा स्थान स्थापित कर दिया जाता है. इस दौरान बाबा और पार्वती मंदिरों के गठबंधन को भी हटा दिया जाता है. महाशिवरात्रि के दिन नया गठबंधन किया जाता है. इस दौरान भी गठबंधन के लाल पवित्र कपड़े को प्राप्त करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है.
जरमुंडी के इन मंदिरों में होता है शिव विवाह
जरमुंडी प्रखंड मुख्यालय सहित प्रखंड के विभिन्न गांवों में महाशिवरात्रि की तैयारी जोरों पर है. जरमुंडी बाजार में दानीनाथ मंदिर, महाभारत कालीन पांडवेश्वरनाथ मंदिर, नीमानाथ शिव मंदिर, बाबा वरदानीनाथ मंदिर, दुखियानाथ शिव मंदिर, जोगेश्वरनाथ मंदिर आदि गांव के शिव मंदिर में मंदिर कमेटी द्वारा रंग रोगन एवं सजावट का कार्य किया जा रहा है. पंडित सुधाकर झा ने बताया कि महाशिवरात्रि का व्रत रखने से मनोकामना पूर्ण होती है. महाशिवरात्रि व्रत फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को किया जाता है. इस दिन का खास है महत्व है. शिवरात्रि व्रत पर भगवान महादेव और देवी पार्वती की चार प्रहर पूजा होती है.फोटो- बासुकिनाथ मंदिर एवं रंग-रोगन करते कर्मी.