20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

धनबाद : नाबालिग से देह व्यापार कराने में पति-पत्नी को 20 वर्ष कैद

चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के एक मामले में धनबाद पोक्सो के विशेष न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की अदालत ने लोयाबाद निवासी प्रदीप बाउरी को दोषी करार दिया है.

धनबाद : नाबालिग को बहला-फुसला कर अगवा कर ले जाने और उससे जबरन देह व्यापार कराने के एक मामले में सोमवार को धनबाद पोक्सो के विशेष न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की अदालत ने फैसला सुनाया. मामले के नामजद आरोपी जोगता निवासी मो रिजवान उर्फ बबलू अंसारी व उसकी पत्नी चांदनी खातून को 20 वर्ष कैद व 20 हजार रुपए जुर्माना से दंडित किया है. एक मार्च को अदालत ने उसे दोषी करार दिया था. प्राथमिकी पीड़िता की शिकायत पर 28 मई 23 को जोगता थाने में दर्ज की गयी थी.

चार साल की बच्ची से दुष्कर्म में दोषी करार

चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के एक मामले में धनबाद पोक्सो के विशेष न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की अदालत ने लोयाबाद निवासी प्रदीप बाउरी को दोषी करार दिया है. अदालत ने सजा की बिंदु पर सुनवाई के लिए पांच मार्च की तारीख निर्धारित की है. प्राथमिकी पीड़िता की मां की शिकायत पर लोयाबाद थाने में दर्ज की गयी थी. इसके मुताबिक पांच सितंबर 2020 की शाम करीब 7:00 बजे पीड़िता (उम्र चार वर्ष ) अपने घर के बाहर खेल रही थी, उसी समय प्रदीप वहां आया, पीड़िता को चॉकलेट खिलाने के बहाने बहला फुसला कर जंगल की ओर ले गया. बच्ची को पीड़िता को ले जाते अगल-बगल के लोगों ने देखा था. जब पीड़िता घर वापस नहीं आयी, तो पीड़िता की मां अगल-बगल के लोगों के साथ उसे खोजने जंगल की ओर गयी, देखा कि प्रदीप उसके साथ दुष्कर्म का कोशिश कर रहा था. इसके बाद लोगों ने उसे पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया था.

दो मामलों में विधायक ढुलू महतो व अन्य पर आरोप तय

किरण महतो के हाइवा व टीपर लूट और डोमन महतो पर जानलेवा हमला के मामले में विधायक ढुलू महतो समेत अन्य पर एमपी एमएलए न्यायालय के विशेष न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत ने आरोप का गठन किया. अदालत में ढुलू महतो समेत अन्य आरोपी उपस्थित थे. अदालत द्वारा पूछे जाने पर सभी आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया और ट्रायल की मांग की. अदालत ने दोनों मामलों में अभियोजन को गवाह पेश करने का आदेश देते हुए सुनवाई की अगली तारीख 27 मार्च 2024 निर्धारित कर दी है.

एससी-एसटी एक्ट में पूर्व डीएससी समेत 3 रिहा

एससी-एसटी एक्ट के विशेष न्यायाधीश सुजीत कुमार सिन्हा की अदालत में सोमवार को पूर्व डीएससी बांके बिहारी सिंह, विद्या सिन्हा (टीचर इंचार्ज) व दिलीप कुमार कर्ण को साक्ष्य के अभाव में रिहा करने का आदेश दिया है. आरोपी की ओर से अधिवक्ता देवी शरण सिन्हा ने मामले की पैरवी की. आरोपियों के खिलाफ 26 जून 2016 को प्राइमरी स्कूल के शिक्षक सरयू राम द्वारा स्थानीय थाना में हरिजन उत्पीड़न का मामला दर्ज करवाया था. मुकदमे के ट्रायल के दौरान वादी की ओर से केवल दो गवाह प्रस्तुत किये गये. बाद में वादी द्वारा मुकदमे में कोई रुचि नहीं ली गयी तथा वह अदालत में उपस्थित होना बंद कर दिया था. वादी द्वारा कोई साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण अदालत द्वारा आज सभी आरोपियों को आरोप से मुक्त करने का निर्देश दिया गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें