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RBI Action on IIFL: रिजर्व बैंक ने पेटीएम के जैसा लिया एक और सख्त एक्शन, 20 प्रतिशत तक टूट गए शेयर का भाव

RBI Action on IIFL: आईआईएफएल के शेयर में करीब 20 प्रतिशत का लोअर सर्किट लग गया. सुबह बाजार खुलते ही, स्टॉक का भाव 19.99 प्रतिशत यानी 119.40 रुपये गिरकर 477.75 रुपये पर पहुंच गया.

RBI Action on IIFL: पेटीएम पर सख्त कार्रवाई के बाद अब भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के द्वारा एक और फाइनेंस कंपनी पर सख्त कार्रवाई की गयी गयी है. बताया जा रहा है कि सोने की शुद्धता की जांच और सत्यापन में गंभीर खामियां पाए जाने के बाद शीर्ष बैंक ने आईआईएफएल फाइनेंस लिमिटेड को गोल्ड लोन देने से तत्काल प्रभाव से रोक दिया. आरबीआई का यह निर्देश कंपनी के सिर्फ स्वर्ण ऋण कारोबार से संबंधित है. अग्रणी वित्तीय सेवा प्रदाता आईआईएफएल फाइनेंस कई तरह के ऋण और गिरवी रखकर कर्ज सुविधा मुहैया कराती है. रिजर्व बैंक के इस आदेश का असर आज शेयर मार्केट में देखने को मिला. कंपनी के शेयर में करीब 20 प्रतिशत का लोअर सर्किट लग गया. सुबह बाजार खुलते ही, स्टॉक का भाव 19.99 प्रतिशत यानी 119.40 रुपये गिरकर 477.75 रुपये पर पहुंच गया. इससे पहले सोमवार को कंपनी का स्टॉक 597 रुपये के आसपास बंद हुआ था.

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आरबीआई ने क्यों उठाया सख्त कदम

आरबीआई ने एक बयान में कहा कि नियामकीय पर्यवेक्षण के दौरान सोना गिरवी रखकर कर्ज देने में कुछ चिंताएं सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है. हालांकि आईआईएफएल फाइनेंस अपने मौजूदा स्वर्ण ऋण कारोबार को जारी रख सकती है और वह मौजूदा कर्जों का संग्रह और वसूली प्रक्रिया जारी रखेगी. बयान के मुताबिक, आरबीआई ने आईआईएफएल फाइनेंस लि. को निर्देश दिया है कि वह तत्काल प्रभाव से स्वर्ण ऋण को मंजूरी देने या वितरित करने या अपने किसी भी गोल्ड लोन के प्रतिभूतिकरण या बिक्री को बंद कर दे. आरबीआई ने कहा कि 31 मार्च, 2023 तक आईआईएफएल की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में कंपनी का निरीक्षण किया गया था. केंद्रीय बैंक ने कहा कि कंपनी के स्वर्ण ऋण कारोबार में कुछ महत्वपूर्ण चिंताएं देखी गई थीं. इनमें कर्ज की मंजूरी के समय और चूक पर नीलामी के समय सोने की शुद्धता और शुद्ध वजन को परखने और प्रमाणन में गंभीर खामी शामिल हैं. इसके अलावा वैधानिक सीमा से कहीं अधिक नकदी में ऋण राशि के वितरण एवं संग्रह में गड़बड़ी और मानक नीलामी प्रक्रिया के अनुपालन में भी खामी पाई गई.

‘शिकायत के बाद भी नहीं हुआ सुधार’

केंद्रीय बैंक ने कहा कि वह पिछले कुछ महीनों में इन खामियों पर कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधन और लेखा परीक्षकों के साथ बात कर रहा था लेकिन कोई ‘सार्थक सुधारात्मक कार्रवाई’ सामने नहीं आई है. इस स्थिति में ग्राहकों के समग्र हित में तत्काल प्रभाव से व्यापार प्रतिबंध लगाना जरूरी हो गया है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि नियामकीय उल्लंघन होने के अलावा ये गतिविधियां ग्राहकों के हितों को भी प्रभावित करती हैं. बयान के अनुसार, आरबीआई का एक विशेष ऑडिट पूरा होने पर और विशेष ऑडिट निष्कर्षों तथा आरबीआई निरीक्षण तथ्यों में कंपनी के संतुष्टिजनक समाधान के बाद इन प्रतिबंधों की समीक्षा की जाएगी. आईआईएफएल फाइनेंस वित्तीय सेवा क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों में से एक है. वह अपनी अनुषंगी कंपनियों- आईआईएफएल होम फाइनेंस, आईआईएफएल समस्त फाइनेंस लिमिटेड और आईआईएफएल ओपन फिनटेक के साथ कई तरह की ऋण सेवाएं मुहैया कराती है. उसकी 500 से अधिक शहरों में 2,600 से अधिक शाखाएं हैं.

(भाषा इनपुट के साथ)

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