देवघर : बुधवार दोपहर तीन बजे के बाद बाबा मंदिर व मां पार्वती मंदिर से एक साथ पंचशूल उतारा जायेगा. दोनों पंचशूल को मिलन कराने के पश्चात इसकी सफाई की जायेगी. वहीं पंचशूल खुलने के साथ ही बाबा व मां पार्वती के बीच गठबंधन चढ़ाने की परंपरा भी बंद हो जायेगी. दूसरे दिन यानी गुरुवार को बाबा व मां पार्वती सहित अन्य मंदिरों से खोले गए पंचशूल की सफाई के बाद विशेष पूजा की जायेगी. इसके बाद पंचशुलों को मंदिरों के शिखर पर लगाया जायेगा.
सबसे पहले खुलेगा गठबंधन
पंचशूल खुलने के पूर्व सबसे पहले बाबा व मां पार्वती मंदिर के बीच बंधा प्रेम के प्रतीक गठबंधन को खोला जायेगा. उसके बाद राजू भंडारी की अगुवाई में एक साथ दोनों मंदिरों के शिखर पर भंडारी चढ़ेंगे तथा दोनों मंदिरों से पंचशूल को खोलकर पीठ में बांध कर जंजीर के सहारे नीचे उतरेंगे. माता के मंदिर से खोले गये पंचशूल को बाबा मंदिर की छत पर लाया जायेगा. उसके बाद बाबा व माता के पंचशूल का मिलन होगा. इस अद्भूत क्षण को देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ होगी. वहीं पंचशूल को स्पर्श करने के लिए लोग भारी संख्या में जुटेंगे. वहीं सुरक्षा घेरे में दोनों मंदिरों से खोलगे गये पंचशुलों को एक साथ मंदिर प्रशासनिक भवन लाया जायेगा, यहां इसकी सफाई होगी.
गुरुवार को होगी विशेष पूजा, तब चढ़ेगा गठबंधन
गुरुवार को राधाकृष्ण मंदिर के बरामदे पर सरदार पंडा श्रीश्री गुलाब नंद ओझा सभी पंचशूलों की एक साथ तांत्रिक विधि से पूजा करेंगे. वहीं मंदिर महंत को आचार्य गुलाब पंडित मंत्रोचारण कर पूजा कराएंगे और उपचारक भक्तिनाथ फलाहारी इस पूजा में व्यवस्था को देखेंगे. पूजा के अंत में आरती होगी, उसके बाद गणेश मंदिर से पंचशूल को शिखर पर लगाने की शुरुआत होगी. अंत में बाबा व माता के मंदिर में पंचशूल लगाने के बाद सरदार पंडा बाबा व माता के बीच पहला गठबंधन चढ़ाकर गठबंधन चढ़ाने की परंपरा को प्रारंभ करेंगे.