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दुमका : बाबा फौजदारीनाथ का पंचशूल उतरा, बाबा को आज लगेगी हल्दी, चढ़ेगा लावा कांसा

पंचशूल उतरने के बाद से बाबा व पार्वती मंदिर का गठबंधन भी बंद हो गया. अब पंचशूल की विशेष पूजा होने के बाद उसे मंदिर के शिखर पर लगाया जाएगा.

दुमका : महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर बाबा फौजदारीनाथ के शादी की तैयारी जोर शोर से चल रही है. बुधवार को मंदिर के गुंबद पर से पंचशूल, चांदी का झंडा, त्रिशूल, कलश, ध्वजा आदि को उतारा गया. शुक्रवार को भोलेनाथ दुल्हा बनेंगे. मंदिर में पंचशूल का विशेष महत्व है. पंचशूल को स्पर्श करने के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा. पंचशूल के नीचे उतरते ही जय शिव, हर-हर महादेव के जयकारे लगने लगे. भोलेनाथ का विवाह को लेकर पूरे इलाके में हर्ष व उल्लास का माहौल व्याप्त है. भोलेनाथ की नगरी सज-धज कर तैयार हो रही है. बाजारों में भी रौनक बढ़ गयी है. मंदिर प्रभारी सह सीओ आशुतोष ओझा ने बाबा के पंचशूल को विधिवत पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया. विवाह से जुड़े सामग्रियों की खरीदारी की जा रही है. बाबा फौजदारीनाथ का धूमधाम से विवाह किया जायेगा. मंदिर पुजारी सदाशिव पंडा, प्रेमशंकर झा एवं मंदिर विदकरी शौखी कुंवर ने बताया कि मंदिर प्रांगण में गुरुवार को पूरे विधि विधान के साथ भगवान शिव एवं माता पार्वती के शादी की रश्म की शुरुआत होगी. बाबा फौजदारीनाथ व मैया पार्वती को विदकरी शौखी कुंवर द्वारा हरिद्रालेपन सगनौती किया जायेगा. भगवान शिव व मैया पार्वती पर लावा कांसा चढ़ाया जायेगा, उबटन लगाया जायेगा. मंदिर प्रांगण में इस अवसर पर महिलाओं द्वारा विवाह मंगलगीत गाये जायेंगे. पंडित सुधाकर झा ने बताया कि विवाह से एक दिन पूर्व अधिवाश होता है. बाबा के गुंबद पर से सोने चांदी के कलश व त्रिशुल को नीचे उतारा गया. बाबा फौजदारीनाथ व माता पार्वती को आज गुरुवार को पूरे विधि विधान के साथ सोना, चांदी, काजल, वस्त्र, अलता, दूर्वा आदि चढ़ाया जायेगा. मंदिर पुरोहित व विधिकरी शौखी कुंवर द्वारा विवाह के रश्म पूरे किये जायेंगे. महाशिवरात्रि पर व्रती महिला पुरुष नहाय खाय के साथ गुरुवार को संयत करेंगे.

शिव पार्वती का गठबंधन खुला

पंचशूल उतरने के बाद से बाबा व पार्वती मंदिर का गठबंधन भी बंद हो गया. अब पंचशूल की विशेष पूजा होने के बाद उसे मंदिर के शिखर पर लगाया जाएगा. इसके बाद गठबंधन शुरू किया जाएगा. भगवान शिव व माता पार्वती मंदिर का गठबंधन बुधवार को खोला गया. इस खुले हुए गठबंधन को प्रसाद स्वरूप् पाने के लिए भक्तों की भीड़ लगी. मान्यता है कि इस गठबंधन के प्रसाद को यदि किसी शादी योग्य लड़की व लड़का के गले में पहनाया जाये तो उसकी शादी जल्दी होती है. गुंबद पर से उतारे गये पंचशूल, कलश व त्रिशुल को साफ-सुथरा कर महाशिवरात्रि के दिन विदकरी शौखी कुंवर व उसके परिवार के सदस्यों द्वारा गुंबद पर चढ़ाया जायेगा.

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