MahaShivratri 2024: बाबा भोलेनाथ की आराधना का पर्व महाशिवरात्रि शुक्रवार को मनाया जायेगा. हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का त्यौहार भगवान शिव के प्रति भक्ति और समर्पण का प्रतीक है. इस दिन भक्त विभिन्न प्रकार से भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिसमें शिवलिंग पर जल, दूध, बेल पत्र, धतूरा और अन्य सामग्री चढ़ाना शामिल है.
शिव पुराण के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब विष निकला, तो भगवान शिव ने उसे ग्रहण करके अपने गले में धारण किया. विष के प्रभाव से उनका गला नीला हो गया. दूध को भगवान शिव को विष के प्रभाव से राहत देने के प्रतीक के रूप में चढ़ाया जाता है. शिवलिंग को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है. दूध को पवित्रता और जीवन का प्रतीक माना जाता है. भगवान शिव को दूध चढ़ाने से भक्त अपने जीवन में पवित्रता और समृद्धि लाने की प्रार्थना करते हैं. दूध को अमृत का प्रतीक भी माना जाता है. भगवान शिव को दूध चढ़ाने से भक्त अमरता प्राप्त करने की कामना करते हैं.
MahaShivratri 2024: दूध चढ़ाने के लाभ
- ग्रहों की शांति: यदि आपकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति खराब है, तो शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से ग्रहों की शांति होती है.
- मनोकामना पूर्ति: यदि आप मनोकामना पूर्ति चाहते हैं, तो शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से आपकी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं.
MahaShivratri 2024: वैज्ञानिक कारण
- दूध में कैल्शियम और प्रोटीन होता है जो शिवलिंग को मजबूत बनाने में मदद करता है।
- दूध में लैक्टिक एसिड होता है जो शिवलिंग पर जमा गंदगी और धूल को हटाने में मदद करता है।
- दूध चढ़ाने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है
MahaShivratri 2024: शिवलिंग की पूजा करने के लिए जरूरी सामग्री
शिवलिंग की पूजा में बेलपत्र, भांग, धतूरा, गाय का कच्चा दूध, चंदन, रोली, कपूर, केसर, दही, घी, मौली, अक्षत (चावल), शहद, शक्कर, पांव प्रकार के मौसमी फल, गंगा जल, जनेऊ, वस्त्र, इत्र, कनेर पुष्प, फूलों की माला, खस, शमी का पत्र, लौंग, सुपारी, पान, रत्न, आभूषण, परिमल द्रव्य, इलायची, धूप, शुद्ध जल, कलश इत्यादि पूजन सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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