Electoral Bond : लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी बांड स्कीम का मामला गरमाता नजर आ रहा है. राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए चुनावी बांड के विवरण का खुलासा करने के लिए और समय मांगने के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के कदम के खिलाफ एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. जानकारी के अनुसार, कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई है. शीर्ष कोर्ट ने एनजीओ को लीड कर रहे वकील प्रशांत भूषण से ई-मेल भेजने को कहा है, साथ ही 11 मार्च को अवमानना याचिका सूचीबद्ध करने का आश्वासन भी दिया है.
क्या कहा गया है एसबीआई की ओर से
आपको बता दें कि एसबीआई ने राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए चुनावी बांड का विवरण अब तक साझा नहीं किया है. सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को 6 मार्च तक निर्वाचन आयोग को विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था, हालांकि बैंक की ओर से वक्त मांगा गया है. विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक समय देने का अनुरोध बैंक की ओर से किया गया है. कोर्ट के समक्ष दायर एक आवेदन में, स्टेट बैंक ने यह दलील दी कि ‘‘प्रत्येक साइलो’’ से जानकारी फिर से प्राप्त करना और एक ‘साइलो’ की जानकारी को दूसरे से मिलाने की प्रक्रिया में वक्त लगेगा. इसलिए उसे 30 जून तक का समय दिया जाए.
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याचिका अब तक सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं
खबरों की मानें तो स्टेट बैंक की याचिका अब तक सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं की गई है. सूत्रों के हवाले से मीडिया में खबर चल रही है कि निर्वाचन आयोग के साथ कोई विवरण साझा नहीं किया गया है. मामले को लेकर लगातार विपक्ष हमलावर है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया है कि केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी नहीं चाहती कि चुनावी बांड खरीदने वालों के नाम सामने आएं.