KK Pathak बिहार के विश्वविद्यालयों में कार्यरत गेस्ट टीचर्स को लेकर नीतीश सरकार शीघ्र ही एक बड़ा फैसला ले सकती है. केके पाठक पत्रकारों से बात करते हुए इसको लेकर एक बड़ा संकेत दिया है. बिहार के गोपालगंज में केके पाठक ने कहा कि नीतीश सरकार लोकसभा चुनाव से पहले या फिर बाद में इसपर बड़ा फैसला ले सकती है. इसकी तैयारी चल रही है. सरकार के फैसले के बाद गेस्ट टीचर की सारी समस्या खत्म हो जायेगी.
इधर, गेस्ट टीचर असमंजस में हैं कि मानदेय कहां से मिलेगा. राज्य सरकार देगी या फिर विश्वविद्यालय से. फिलहाल यह पेंच फंसा हुआ है. बताते चलें कि गेस्ट टीचरों की लंबे समय से मानदेय की मांग और स्थायी सेवा करने की मांग कर रहे हैं.
11 महीने से नहीं मिला है मानदेय
गेस्ट टीचरों को पिछले 11 माह से मानदेय नहीं मिला है. ये सभी राज्य के अलग-अलग विश्वविद्यालयों में पिछले 11 महीने से अपनी सेवा दे रहे हैं. बिहार में करीब 2400 के आसपास गेस्ट टीचर हैं. जो कि प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पदस्थापित हैं. पिछले 11 महीने से मानदेय नहीं मिलने से गेस्ट टीचर परेशान हैं.
इन लोगों ने पिछले महीने पटना में जाकर सरकार के प्रतिनिधि से मुलाकत कर अपनी पीड़ा से उन्हें अवगत कराया था.अब अपर मुख्य सचिव केके पाठक की ओर से गेस्ट टीचरों को लेकर नीतीश सरकार द्वारा बड़ा फैसला लेने का संकेत दिया गया है, इससे गेस्ट टीचरों को उम्मीद जगी है.
जबकि उच्च शिक्षा निदेशक डॉ रेखा कुमारी ने राज्य के परंपरागत विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को पिछले फरवरी महीने ही एक पत्र भेजा था. जिसमें उन्होंने कहा था कि विश्वविद्यालयों के पास खाते में 16 अरब 76 करोड़ 95 लाख से अधिक राशि उपलब्ध है.