रांची: खरीफ विपणन मौसम 2023-24 में सरकार की ओर से राज्य के किसानों से धान की खरीदारी की जा रही है. राज्य सरकार की ओर से धान खरीद पर किसानों को प्रति क्विंटल 2300 रुपये का भुगतान करने का निर्णय लिया गया है. इसमें प्रति क्विंटल 117 रुपये बोनस की राशि शामिल है. इसके बाद भी किसान सरकार को धान बेचने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. यही वजह है कि दो माह से अधिक समय गुजरने के बाद भी सिर्फ 18,686 किसानों से 10.90 लाख क्विंटल धान की ही खरीदारी हो पायी है. यह निर्धारित लक्ष्य 60 लाख क्विंटल का लगभग 19 प्रतिशत है. अब सरकार को लक्ष्य हासिल करने के लिए बचे 24 दिनों में किसानों से 49 लाख क्विंटल धान की खरीद करनी होगी.
किसानों का तर्क, एक साल में मिलती है बकाया राशि
किसान कम कीमत पर धान बेचने को लेकर कई तर्क दे रहे हैं. इनका कहना है कि सरकार को धान बेचने के बाद राशि के लिए एक साल तक इंतजार करना पड़ता है, जबकि बिचौलिये उनके घर से आकर नकद राशि देकर धान की खरीद करते हैं. धान की आर्द्रता के कारण कई बार धान लेने से इंकार कर दिया जाता है. यही नहीं, 200 क्विंटल से अधिक धान बेचने के लिए डीसी की ओर से गठित समिति से अनुमति लेने का प्रावधान है. धान क्रय केंद्र तक किसानों को किराये के वाहन से धान ले जाना पड़ता है. कई बार धान क्रय में विलंब होने पर वाहनों का किराया ज्यादा देना पड़ता है.
अभी 539 क्रय केंद्रों पर धान की खरीदारी
सरकार की ओर से अभी 539 क्रय केंद्रों पर धान की खरीद की जा रही है. चालू वित्तीय वर्ष में धान बेचने के लिए 2.31 लाख किसानों ने निबंधन कराया है. इसमें से 2,74,924 किसानों को धान खरीद को लेकर एसएमएस भेजा गया है. अब तक धान बेचने वाले किसानों के बीच 138 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है.