AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में भारत की ताकत बढ़ाने के लिए मोदी सरकार इस पर बड़ा दांव खेलने को तैयार है. एआई के मामले में वैश्विक स्तर पर भारत की ताकत बढ़ाने और देश में कृत्रिम मेधा को सामान्य व्यक्ति तक पहुंचाने के लक्ष्य के साथ केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को ‘इंडिया AI मिशन’ को मंजूरी दी है. इसके लिए 10 हजार, 372 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है और इससे देश में कंप्यूटिंग क्षमता को बड़े पैमाने पर बढ़ाया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को ‘इंडिया एआई मिशन’ को सरकार की मंजूरी मिलने को प्रौद्योगिकी और नवप्रवर्तन के लिए एक ऐतिहासिक दिन बताया.
कैबिनेट ने देश में कृत्रिम मेधा (एआई) के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए पांच वर्ष में 10,372 करोड़ रुपये के परिव्यय वाले मिशन को मंजूरी दे दी है.
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा- तकनीक और नवाचार के लिए एक ऐतिहासिक दिन! इंडिया एआई मिशन को मिली कैबिनेट की मंजूरी एआई स्टार्टअप को सशक्त बनाएगी और कंप्यूटिंग बुनियादी ढांचे तक पहुंच का विस्तार करेगी, जो एआई नवाचार में वैश्विक नेता बनने की दिशा में हमारी यात्रा में एक बड़ी छलांग होगी.आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10 हजार, 372 करोड़ रुपये के व्यय के साथ इंडिया एआई मिशन को मंजूरी दे दी है. AI Mission: सरकार ने 10,372 करोड़ रुपये के व्यय के साथ पांच साल के लिए इंडिया एआई मिशन को दी मंजूरी
गुरुवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी दी. इस राशि का इस्तेमाल बड़े कंप्यूटिंग ढांचे के सृजन पर किया जाएगा. सरकार यह पैसा उन कंपनियों को देगी, जो एआई आधारित सॉल्यूशंस पर काम कर रही हैं. एआई संबंधित स्टार्टअप्स को इससे काफी मदद मिलेगी और देश में नये एआई टूल्स को बढ़ावा मिलेगा. AI Teacher: मिलिए देश की पहली एआई टीचर से, जानिए इनमें क्या है खास