विश्व में लोकतंत्र की जननी कहे जाने वाले बिहार में मतदान में मतदाताओं की भागीदारी देश के सभी राज्यों से कम है. जम्मू-कश्मीर को छोड़ दिया जाये, तो लोकसभा चुनाव 2019 में देश के सभी राज्यों के मतदाताओं ने बिहार से अधिक संख्या में मतदान किया. स्थिति यह है कि 40 लोकसभा क्षेत्र वाले हमारे प्रदेश में सिर्फ कटिहार लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने राष्ट्रीय औसत के बराबर मतदान में भाग लिया. शेष सभी 39 लोकसभा क्षेत्रों में वोटर टर्नआउट राष्ट्रीय औसत से भी कम रहा.
2019 लोकसभा में बिहार में 57.33 प्रतिशत वोटिंग
देश में औसतन 67.4 प्रतिशत मतदाताओं ने लोकसभा चुनाव 2019 में भाग लिया. इधर बिहार की 40 लोकसभा क्षेत्रों में सबसे कम 57.33 प्रतिशत मतदाता वोट देने निकले. इस चिंताजनक स्थिति को देखते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने को लेकर आठ जुलाई से बेसलाइन सर्वे का काम शुरू किया है, जो 25 जुलाई तक चलेगा.
लोकसभा चुनाव 2019 में निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार लक्ष्यद्वीप में 85.21 प्रतिशत मतदाताओं ने भाग लिया है. पश्चिम बंगाल में 81.76 प्रतिशत मतदाताओं ने भाग लिया है, जबकि पड़ोसी राज्य झारखंड में 66.8 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान में भाग लिया था. उत्तर प्रदेश में भी बिहार से अधिक 59.21 प्रतिशत मतदाता वोट देने के लिए बूथों तक पहुंचे थे.
लोकसभा चुनाव 2019 में वोटर टर्नआउट (प्रतिशत में )
वाल्मीकिनगर (61.98 प्रतिशत), पश्चिम चंपारण (62.2 प्रतिशत), पूर्वी चंपारण (60.3 प्रतिशत), शिवहर (59.6) , सीतामढ़ी ( 59.32), मधुबनी (53.81), झंझारपुर (57.35), सुपौल (65.72), अररिया (64.79), किशनगंज (66.38), कटिहार (67.64), पूर्णिया (65.37), मधेपुरा (60.89), दरभंगा (58.35), मुजफ्फरपुर (61.17), वैशाली (61.91), गोपालगंज (55.78), सीवान (54.73), महाराजगंज ( 53.82), सारण ( 56.6), हाजीपुर (55.26), उजियारपुर (60.15), समस्तीपुर (60.74), बेगूसराय (62.63), खगड़िया (57.71), भागलपुर (57.2), बांका (58.6), मुंगेर (54.9), नालंदा (48.79), पटना साहिब (45.8), पाटलिपुत्रा (56.3), आरा (51.81), बक्सर (53.95), सासाराम (54.57), काराकाट (49.09), जहानाबाद (51.76), औरंगाबाद (53.67), गया (56.18), नवादा (49.73) और जमुई (55.73 प्रतिशत) मतदान हुआ.
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