वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे (Varanasi Kolkata Expressway)का बड़ा अपडेट सामने आया है. वाराणसी-रांची-कोलकाता ग्रीनफील्ड सिक्सलेन एक्सप्रेसवे के पहले चरण का निर्माण अगले महीने उत्तर प्रदेश से शुरू होने की संभावना है. पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सड़क निर्माण के पहले चरण की आधारशिला रखी थी. इसके साथ ही इस एक्सप्रेसवे के अन्य चरणों का निर्माण भी जल्द शुरू होगा. इसे लेकर बिहार में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इस एक्सप्रेसवे का निर्माण 2027 तक पूरा होने की संभावना है. फिलहाल वाराणसी से कोलकाता जाने में औसतन करीब 15 घंटे लगते हैं. एक्सप्रेसवे बनने के बाद सफर में करीब नौ घंटे लगेंगे. इस तरह करीब छह घंटे की बचत हो सकेगी.
बिहार में एक्सप्रेसवे यहां से गुजरेगी..
सूत्रों के अनुसार इस एक्सप्रेसवे की अनुमानित लंबाई करीब 610 किमी और अनुमानित लागत करीब 35 हजार करोड़ रुपये है. बिहार में यह सड़क कैमूर और रोहतास के दक्षिणवर्ती इलाकों से गुजरेगी. बिहार में इस एक्सप्रेसवे की लंबाई करीब 160 किमी है. वाराणसी से शुरू होकर यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के चंदौली की सीमा पर चांद में बिहार में प्रवेश करेगा. साथ ही करीब 160 किमी की दूरी तय करने के बाद गया के इमामगंज में बाहर निकलेगी. इस एक्सप्रेसवे में सासाराम के तिलौथू में सोन नदी को पार करने और जीटी रोड के माध्यम से औरंगाबाद में प्रवेश करने के लिए कैमूर की पहाड़ियों में पांच किमी की सुरंग प्रस्तावित है.
चार राज्यों को मिलेगी सीधी कनेक्टिविटी
सूत्रों के अनुसार इस एक्सप्रेसवे के बनने से चार राज्यों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. इसके साथ ही पूर्वांचल एक्सप्रेसवे सहित अन्य राजमार्गों से इस सड़क का जुड़ाव होने से कोलकाता से नयी दिल्ली तक आवागमन आसान हो सकेगा. यह एक्सप्रेसवे वाराणासी से शुरू होगी जो उत्तर प्रदेश के चंदौली की सीमा पर चांद में बिहार में प्रवेश करेगी. वहां से शहबाजपुर, चैनपुर, भगवानपुर, भभुआ से होते हुए रामपुर के रास्ते रोहतास जिले के चेनारी में यह प्रवेश करेगी.
झारखंड होकर बंगाल जाएगी सड़क..
रामपुर प्रखंड के निसिझा, इटवा, अकोढ़ी, बसिनी, गंगापुर, चमरियांव, दुबौली, पसाईं, बसुहारी, सोनारा, पछहरा, ठकुरहट, सबार आदि गांवों के अलावा जिले के 93 मौजा से एक्सप्रेसवे गुजरेगी. यह एक्सप्रेसवे चतरा में स्थित हंटरगंज से होते हुए झारखंड में प्रवेश करेगी और हजारीबाग व रामगढ़ होते हुए पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में निकलेगी.