बेतला, संतोष कुमार: झारखंड के एकमात्र टाइगर प्रोजेक्ट पलामू टाइगर रिजर्व (लातेहार) में फिर बाघ की एंट्री हुई है. बीती रात बाघ की तस्वीर कैमरा ट्रैप के माध्यम से कैद की गयी है. बाघ के स्ट्राइप्स के माध्यम से विशेषज्ञों ने यह पहचान की है कि पिछले वर्ष नवंबर महीने के तीसरे सप्ताह में जो बाघ दिखा था, वही फिर इस इलाके में अपनी गतिविधि बनाये हुए है, जिसकी स्पष्ट तस्वीर सामने आई है .1129 वर्ग किलोमीटर में फैले पीटीआर में अलग-अलग जगह पर लगाये गये 50 से अधिक कैमरा ट्रैप लगाये गये हैं. सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं.
बनी हुई हैं चार बाघों की गतिविधियां
बाघ की शारीरिक बनावट को आधार बनाकर विशेषज्ञों की टीम ने विश्लेषण के आधार पर यह बताया है कि पीटीआर के अलग-अलग जगहों पर चार बाघों की गतिविधियां लगातार बनी हुई हैं. जिनकी समय-समय पर जंगली व पालतू जानवरों के शिकार करने पग मार्क ,कैमरा ट्रैप में आई तस्वीर के माध्यम से पुष्टि की जा रही है. मां की तस्वीर सामने आने के बाद वनकर्मी 24 घंटे बाघों की गतिविधियों पर नजर बनाये हुए हैं.
बाघिन की तलाश में है बाघ
पलामू टाइगर रिजर्व के विशेषज्ञों ने कहा कि अभी तक टाइगर रिजर्व में जो भी बाघ दिखे हैं सभी नर हैं. कयास लगाया जा रहा है कि इन बाघों को बाघिन की तलाश है. इसलिए बाघ स्थाई रूप से किसी इलाके में प्रवास नहीं कर रहे हैं .जिस बाघ को एक बार किसी स्थान पर देखा जा रहा है उस बाघ को पलामू टाइगर रिजर्व के दूसरे इलाके में देखा जा रहा है. कभी पलामू टाइगर रिजर्व बाघिन के लिए स्थाई प्रवास माना जाता था. अकेले बेतला नेशनल पार्क में भी कई बाघिनों ने लगातार वर्षों स्थाई प्रवास किया था.
कब और कहां दिखा बाघ
पिछले वर्ष सबसे पहले और मार्च महीने में पलामू टाइगर रिजर्व के कूटकू वन प्रक्षेत्र में बाघ को देखा गया था. सात महीने के बाद नवंबर में गारू वन प्रक्षेत्र में और उसी महीने में बेतला नेशनल पार्क में बाघ दिखा. चौथा बाघ पुनः बेतला नेशनल पार्क में ही देखा गया जिसे कोलकाता के पर्यटकों ने भी देखा और उनकी तस्वीरों को कमरे में कैद किया था
क्या कहते हैं फील्ड डायरेक्टर
पलामू टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर कुमार आशुतोष ने बताया कि पलामू टाइगर रिजर्व का बेहतर वातावरण बाघों को रास आ रहा है. इसलिए पिछले एक वर्ष से बाघों की गतिविधियां पीटीआर में लगातार बनी हुई हैं. उन्होंने कहा कि बाघों का स्थाई प्रवास हो सके, इसके लिए पलामू टाइगर प्रबंधन लगातार प्रयासरत है.