मुजफ्फरपुर. शहर के पीएनटी चौक के समीप खादी मॉल के निर्माण कार्य में तेजी आ गयी है. करीब तीन महीने के अंदर इस मॉल को शुरू करने की तैयारी चल रही है. यह उत्तर बिहार का पहला मॉल होगा, जहां एक ही छत के नीचे खादी के रेडिमेड गार्मेंट्स उपलब्ध होंगे. तीन तल के मॉल में पहले तल पर साड़ी सेक्शन, रेडीमेड गार्मेंट्स, क्लोथ रीम सेक्शन और कैश काउंटर होगा. दूसरे तल पर मीटिंग रूम, गोदाम और तीसरे तल पर एक बड़ा हॉल बनाया जा रहा है.
लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा मिलेगा
कई मायने में यह पटना के खादी मॉल से अलग और खास होगा. इस मॉल को खुलने से लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा मिलेगा. इससे जिले के करीब एक हजार कत्तिन और बुनकरों को रोजगार मिलेगा. इस मॉल में खादी के सभी तरह के वस्त्र उपलब्ध रहेंगे. खादी ग्रामोद्योग बोर्ड जिले में खादी के विकास में सहयोग कर रहा है. मॉल को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिये चरखा के साथ उत्पादन के लिए कार्यशील पूंजी भी दी जायेगी. इसके साथ खादी उत्पादन करने वाली संस्थाओं को आधुनिक युग के हिसाब से वस्त्र निर्माण कराने व उसके बाजार की व्यवस्था भी सुनिश्चित होगी. बोर्ड से जुड़ी संस्था के तैयार समान को खादी मॉल व जिला खादी ग्रामोद्योग संघ की ओर से चलने वाली बिक्री केंद्र पर उपलब्ध कराया जायेगा.
महिलाओं के लिए होगा नये रोजगार का सृजन
खादी ग्रामोद्योग संघ के महामंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि खादी मॉल ग्रामोद्योग के लिये एक बड़ी योजना है. इसके शुरू होने से खादी संस्थायें पुनर्जीवित होगी. महिलाओं के लिए नये रोजगार का सृजन होगा. यहां सभी तरह के अत्याधुनिक ड्रेस खादी के कपड़ों में उपलब्ध होंगे. इसके लिए हमलोग फैशन डिजायनर से कपड़ों की डिजायन करायेंगे और उसे मॉल के अलावा खादी के अन्य बिक्री केंद्रों पर रखेंगे.
मॉल में खादी ग्रामोद्योग के उत्पाद भी रहेंगे
मॉल में खादी के वस्त्रों के अलावा ग्रामोद्योग संघ द्वारा उत्पादित सत्तू, सरसों तेल, साबुन, शहद, तिलौड़ी सहित अन्य उत्पाद भी रहेंगे. इसके लिये अलग सेक्शन बनाया जायेगा. इन वस्तुओं का उत्पादन महिला समूह द्वारा खादी भंडार में किया जा रहा है. तैयार वस्तुओं की बिक्री फिलहाल संघ से ही की जा रही है.