नए निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के मामले को लेकर कांग्रेस ने कोर्ट का रुख किया है. सोमवार को कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि केंद्र को नए निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति से रोका जाए. कोर्ट में दायर कांग्रेस नेता की याचिका में शीर्ष अदालत के मार्च 2023 के आदेश के अनुसार प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और प्रधान न्यायाधीश के पैनल द्वारा निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति किए जाने का अनुरोध किया गया. केंद्र सरकार को 2023 के कानून के अनुसार निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति करने से रोकने का अनुरोध करने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेखित किया गया है. प्रधान न्यायाधीश ने केंद्र को निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति करने से रोकने संबंधी याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध करने वाले वकील से कहा कि ईमेल भेजिए, हम देखेंगे.
केंद्र को रोकने की याचिका पर तत्काल सुनवाई पर विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह केंद्र सरकार को 2023 के एक कानून के अनुसार नए निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति करने से रोकने का अनुरोध करने वाली यचिका को सुनवाई के लिए तत्काल सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा. इस कानून के प्रावधानों को पहले ही कोर्ट में चुनौती दी गयी है. आपको बता दें कि निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे और अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति के बाद निर्वाचन आयुक्तों के दो पद खाली हो गए हैं.
किसने दी सुप्रीम कोर्ट में याचिका
कांग्रेस नेता जया ठाकुर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह और अधिवक्ता वरुण ठाकुर ने याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए पेश किया. स्थानीय कांग्रेस नेता ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और पदावधि) अधिनियम, 2023 के प्रावधानों को चुनौती दी है. ठाकुर ने अपनी याचिका में न्यायालय को बताया कि उनकी याचिका पर सुनवाई लंबित रहने के दौरान ‘निर्वाचन आयोग के एक सदस्य अरुण गोयल ने नौ मार्च 2024 को इस्तीफा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है.’ उन्होंने कहा कि उनकी याचिका पर 12 जनवरी को एक नोटिस जारी किया गया था.
15 मार्च को बैठक
इस बीच खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति नए निर्वाचन आयुक्तों के नामों को तय करने के लिए 15 मार्च को बैठक करेगी.