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मोटर खराब होने के कारण 3 माह से जलापूर्ति ठप, कपिलो पंचायत के चानो में 16 करोड़ की लागत से बनी है टंकी

गिरिडीह जिले के बिरनी में ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत कपिलो पंचायत के चानो में मोटर खराब होने की वजह से सरकार की छह साल पुरानी योजना बेकार पड़ी है.

बिरनी (गिरिडीह), मुकेश कुमार यादव : गिरिडीह जिले के बिरनी में ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत कपिलो पंचायत के चानो में मोटर खराब होने की वजह से सरकार की छह साल पुरानी योजना बेकार पड़ी है. 6 वर्ष पूर्व पानी की टंकी विभाग ने बनवायी थी. पाइपलाइन से जलापूर्ति की इस योजला पर 16 लाख रुपये खर्च हुए थे. लेकिन, विभागीय लापरवाही के कारण पिछले तीन माह से पानी नहीं मिल रहा है. गर्मी के शुरुआती दौर में ही नदी, नाला, तालाब, पोखर, कुआं का जलस्तर नीचे चला गया है. इससे लोगों को परेशानी बढ़ गयी है.

टंकी चालू होने के बाद नहीं हुई नियमित जलापूर्ति

बता दें कि पानी टंकी बनने के बाद से अभी तक ग्रामीणों को कभी भी नियमित रूप से पानी नहीं मिला है. कभी ट्रांसफॉर्मर जलेना, कभी बकाया मजदूरी तो कभी संवेदक का मेंटेनेंस का समय खत्म हो जाने के कारण योजना बाधित रही. फिलहाल मोटर खराब होने के कारण जलापूर्ति बंद है.

16 गांव को नियमित मिलना था शुद्ध पेयजल

चानों में लगी टंकी से बिरनी प्रखंड के 16 गांव के लगभग 10 हजार आबादी को पानी देने की योजना थी. इससे चानो, रजमनिया, बृंदा, कपिलो, रूपायडीह, पंदनाकला, बंगराकला, नावाडीह, पारडीह, दलांगी, गुड़ीटांड़, बाराटांड़, मनिहारी, बेहराबाद, लेबरा गांव को जोड़ना था.

क्या कहते हैं लाभुक

जलापूर्ति ठप रहने से गांव में समस्या काफी बढ़ गयी है. किसी भी कार्यक्रम में सिंचाई मशीन से बड़े बड़े ड्राम में पानी भरकर लाना पड़ता है. एक सप्ताह में जलापूर्ति शुरू नहीं हुई तो आंदोलन करेंगे.

बीरेंद्र साव

जिसके घर में चापाकल या कुआं नहीं है, वैसे लोग पूरी तरह जलापूर्ति पर निर्भर है. ऐसे लोगों को ज्यादा समस्या हो रही है. पानी की समस्या के कारण लोगों को बाहर से पीने के लिए पानी लाना पड़ता है.

रंजीत साव

करोड़ों रुपये खर्च कर जलापूर्ति योजना पूरी हुई, लेकिन अभी तक संवेदक ने इसे ग्राम समिति को हैंडओवर नहीं किया है. पानी सप्लाई बाधित रहने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है.

पप्पू पंडित

संवेदक व विभागीय लापरवाही के कारण सभी जगहों पर जलापूर्ति नहीं हो रही है. मजदूरों का बकाया व बिजली बिल का भुगतान क्लीयर नहीं हुआ है. व्यवस्था दुरुस्त होने पर ही ग्राम जल स्वच्छता समिति हैंड ओवर लेगी.

मुकेश यादव, मुखिया

क्या कहते है पीएचइडी के कनीय अभियंता

पूर्व में कर्मियों को मानदेय नहीं मिलने के कारण मजदूरों ने जलापूर्ति को बंद करा दिया था, अब मोटर जला हुआ है जिसे ठीक कराया जा रहा है. जल्द ही पानी की सप्लाई चालू कराते हुए ग्राम जल समिति को हैंड ओवर कराया जाएगा.

दीपक, कनीय अभियंता, पीएचइडी

पानी टंकी बनकर तैयार, पर बालक गांव अब भी प्यासा

बगोदर प्रखंड में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘जल जीवन मिशन’ के तहत नल जल योजना सही मायने में धरातल पर नहीं उतर पायी है. साल भर से चल रही योजना के लाभ से ग्रामीण वंचित हैं. सड़क निर्माण कार्य में पाइप फटने से पानी घरों में नहीं पहुंच रहा है. प्रखंड की अलगडीहा पंचायत के बालक गांव में इस योजना के तहत पानी टंकी तो बन गयी है, पर लोगों को पानी नहीं मिल रहा है.

पानी टंकी बन गयी, पाइप भी बिछ गयी

विदित हो कि अलगडीहा पंचायत में 41 यूनिटों में बालक गांव में 15 यूनिट है. यहां कार्य चल रहा है. कुछ टोलों में कार्य पूरा होने के बाद भी लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. जिसमें लाहौर टोला, बाबा जी टोला, अहोदार टोला, कृष्णानगर समेत इन टोलों में पानी टंकी लगायी गयी है. पाइप भी बिछ गयी है, पर कार्य पूरा होने के बावजूद घरों में पानी नहीं पहुंच रहा है. दो-तीन घरों में ही योजना सिमट कर रह गयी है. इससे ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है. लीकेज की समस्या भी सामने आ रही है. ग्रामीण सामग्री का ठीक से उपयोग नहीं किये जाने की शिकायत कर रहे हैं.

क्या कहते हैं ग्रामीण?

बालक गांव में नल जल योजना को लेकर तीन माह पूर्व कार्य पूरा हो गया है. साथ ही आरंभ में इसे चेक भी किया गया, पर उम्मीदों पर पानी फिरता चला जा रहा है. इसे चालू कर दिया गया है. बावजूद इसके घरों तक पानी पहुंच नहीं रहा है.

अजय कुमार पांडेय

बालक गांव में नल जल योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. गांव में पानी टंकी तो लगा दी गयी है, लेकिन घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है. इस हालत के कारण अभी से ही आने वाली गर्मी को लेकर लोगों की चिंता बढ़ रही है.

अभय वर्मा

‘जल जीवन मिशन’ के तहत टोले में भी नल जल योजना का काम हुआ है. गांव में जल मीनार तो लगाया गया है, पर कहीं-कहीं पाइप के फट जाने के कारण भी पानी की समस्या उत्पन्न हो रही है.

प्रमोद सोनार

पंचायत में केंद्र सरकार की यह महत्वपूर्ण योजना है, पर यह भी योजना खाओ पकाओ बनकर रह गयी. योजना को जैसे-तैसे चालू किये जाने से लोगों को पानी नहीं मिल रहा है. बोरिंग भी दो सौ फीट न होकर कही-कहीं 150 फीट में ही सिमट कर रहा गयी. वरीय अधिकारियों को मामले से अवगत कराया गया है.

रीता देवी, जिप सदस्या

गड़बड़ी दुरुस्त करा ली जायेगी : जेई

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के जेई लालू महतो ने बताया कि जिन टोलों में यह समस्या है, इसकी जांच की जायेगी. लेकिन सड़क निर्माण कार्य के दौरान जगह-जगह पाइप फट जाने से भी समस्या आ रही है. सड़क निर्माण कंपनी को इसका ध्यान रखना चाहिए था. इस कारण से भी परेशानी हो रही है. जल्द ही इसे संवेदक से दुरुस्त करा लिया जायेगा.

कनीय अभियंता

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