देवघर : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से बन रही देवघर-बासुकिनाथ फोरलेन सड़क सिर्फ कांवरियाें व यात्री वाहनों के लिए नहीं, बल्कि दर्जनों गांवों को भी मुख्य सड़क से जोड़ने जा रही है. यह फाेरलेन वैसे गांवों की मुख्य सड़क बनने जा रही है, जहां आवागमन का कोई कच्ची सड़क भी सही ढंग से नहीं थी. फोरलेन के किनारे मोहनपुर प्रखंड में करीब दो दर्जन ऐसे गांव है, जहां के लोग पगडंडियों के सहारे अपने गांव से निकलकर मुख्य सड़क आते थे. मोहनपुर प्रखंड के मनसाराय कुरैवा, हिरणटांड, बाराडीह, ठाढ़ीकल्होड़िया, रुपैयडीह, कोठिया जनाकी, छोटा जनाकी, बाराकोला, हरकट्टा, रांगा, बाराटांड़, पत्तरबोनमा, लतासारे, मलघाघर सहित दो दर्जन गांव है, जहां से फोरलेन गुजर रही है. कभी इन गांवों तक चार पहिया वाहन भी नहीं पहुंच पाती थी. अब इन गांवों के लोगों को 100 कदम भी नहीं चलना पड़ेगा व सीधे फोरलेन पर पहुंच जायेंगे. इन गांवों सबसे खराब स्थिति मनसराय कुरैवा व हिरनाटांड़ राय टोला की थी. एक तरफ देवघर-दुमका रेल लाइन व दूसरी तरफ जोरिया रहने दोनों गांव की स्थिति टापू की तरह हो गयी थी. रेलवे अंडर पास से गुजरने के बाद भी लंबी दूरी तक पगडंड़ियों के सहारे लोगों आना-जाना करना पड़ता था.
रोजगार का साधन बनेगी फोरलेन सड़क
हिरणाटांड़ के ग्रामीण कामदेव राय ने कहा कि हमलोगों ने कभी सोचा भी नहीं था कि हमारे घर से पास से इतनी चौड़ी सड़क गुजरेगी. बरसात के दिनों में अब हमलोग कीचड़ व पगडंडी नहीं, बल्कि फोरलेन से चलेंगे. कामदेव ने कहा कि गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने इस फोरलेन से कई गांवों के लिए रोजगार का केंद्र खोल दिया है. मनसराय कुरैवा गांव के शंकर राय ने कहा कि गांव तक चारपहिया वाहन लाने में बहुत परेशानी होती थी. अब यह फोरलेन सिर्फ सड़क ही नहीं, बल्कि हमलोगों को रोजगार का साधन उपलब्ध करा दिया. जिन-जिन गांवों से फोरलेन गुजर रही है, उन गांवों के किनारे जिन ग्रामीणों की जमीन है वे अब अपनी जमीन पर लाइन होटल, चाय-नाश्ते की दुकान सहित अन्य रोजगार के लिए तैयारी भी शुरू कर दी है.