कोलकाता, विकास कुमार गुप्ता : लोकसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा कभी भी हो सकती है. ऐसे में राज्य सरकार की तरफ से भी इसकी तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं. चुनाव में बड़ी संख्या में निजी बस, मिनी बस और काफी संख्या में निजी कार का उपयोग किया जाता है. चुनाव की तिथि के ऐलान के पहले राज्य सरकार (State government) ने लोकसभा चुनाव के लिए निजी व मिनी बसों को किराये पर लेने की तैयारी शुरू कर दी है. इस बार परिवहन मलिकों को उनके वाहनों के एवज में सरकार की तरफ से मिलने वाले किराये में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गयी है.
राज्य सरकार ने जारी कर दी अधिसूचना
इसके अलावा ड्राइवर और खलासी को भोजन के लिए मिलनेवाली राशि में भी बढ़ोतरी कर इस 170 रुपये से बढ़ाकर इसे 200 रुपये कर दिया गया है. एक निजी वाहन, चाहे वह बस हो, मिनी बस हो या फिर टैक्सी हो, किस वाहन का किराया कितना होगा? राज्य सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. हालांकि, कुछ बस मालिक 10 फीसदी किराया बढ़ोतरी से संतुष्ट नहीं हैं.
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निजी वाहन मालिकों को रोजाना मिलनेवाले किराया
निजी बस मालिकों को दैनिक किराया 2530 रुपये, मिनी बस का किराया 2090 रुपये और छोटी यात्री कार का किराया ड्राइवर सहित 890 रुपये निर्धारित किया गया है. छोटे मैक्सी कैब का किराया 1310 रुपये और बड़ी मैक्सी कैब का किराया 1560 रुपये तय किया गया है. इसके अलावा, ट्रैक्टर का किराया 1320 रुपये, ऑटो का किराया 500 रुपये रोजाना, ई-ऑटो का किराया 770 रुपये रोजाना दिया जायेगा. इसके अलावा कुछ एसी कारें भी किराये पर ली जायेंगी.
निजी बसों के लिए रोजाना 3500 रुपये की मांग
संयोग से इस बार चुनाव की तारीखों की घोषणा के पहले ही राज्य के कुछ परिवहन संगठनों ने किराया बढ़ाने की मांग की थी. उन्होंने निजी बसों के लिए रोजाना 3500 और मिनी बसों के लिए रोजाना 3000 रुपये की मांग की थी. इसके अलावा चालक एवं खलासी को भोजन के लिए मिलनेवाले रोजाना 170 रुपये को बढ़ाकर 300 रुपये करने की भी मांग की थी. सरकार द्वारा सिर्फ 10 प्रतिशत किराये में बढ़ोतरी करने के कारण बस मालिकों का एक वर्ग सरकार के इस फैसले से संतुष्ट नहीं है.
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राज्य सरकार ने किराया थोड़ा और बढ़ाने का अनुरोध किया
बस मिनीबस कोऑर्डिनेशन एसोसिएशन के अधिकारियों का कहना है कि ओड़िसा जैसे राज्य में भी चुनाव कार्य के लिए इस्तेमाल होनेवाली बसों के लिए रोजाना किराया 3800 रुपये मिलता है. इस राज्य में बस का किराया इतना कम मिलने से वे हताश हैं. ऐसे में बस मालिकों की मौजूदा स्थिति को देखते हुए संगठन ने किराया थोड़ा और बढ़ाने का अनुरोध किया है. इस मामले में ज्वायंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट के सचिव तपन बनर्जी ने कहा कि हमारे संगठन की तरफ से परिवहन मंत्री से मिलकर इस फैसले पर पुनर्विचार के लिए ज्ञापन सौंपा जायेगा, जिसमें किराये में थोड़ा और बढ़ोतरी के लिए कहा गया है, जिससे बस मालिकों के साथ चालक व खलासी को भी थोड़ी सहूलियत मिल सके.
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