जैन श्वेतांबर सोसायटी के प्रांगण में मंगलवार को जैनाचार्य नीति सुरीश्वर समुदाय के परम प्रभावक शिष्य आचार्य परशमेश प्रभ सुरीश्वर जी महाराज साहब व साध्वी मुक्ति प्रिया श्री जी आदि ढाणा 62 एवं 850 श्रावक-श्राविकाओं का मंगल प्रवेश सम्मेद शिखर महातीर्थ में गाजे-बाजे व नाचते-गाते जय-जयकारा लगाते हुए करवाया गया. सोसायटी के महाप्रबंधक दीपक बैगनी ने बताया कि आचार्य श्री मुनि व साध्वी तथा 850 श्रावक-श्राविकाओं का पैदल छरीपालित संघ भगवान महावीर स्वामी के जन्म-स्थान लछुआड़ तीर्थ से 27 फरवरी को रवाना हुआ था. इनका प्रवेश सम्मेद शिखर की पावनधरा पर 12 मार्च को करवाया गया. आचार्य श्री व ससंघ का सम्मेद शिखर में प्रवेश की अगवानी के लिए ट्रस्ट मंडली के सदस्य, संस्था के कर्मचारियों व शिखरजी पब्लिक स्कूल के सैकड़ों बच्चे व सैकड़ों श्रद्धालु मधुबन मोड़ पर गाजे-बाजे, ढोल नगाड़े व धर्म पताके के साथ मौजूद थे. श्री बैगानी ने बताया कि आचार्य श्री व ससंघ सम्मेद शिखर में प्रवेश होने के पश्चात श्वेतांबर जैन संस्था भोमियाजी भवन, कच्ची भवन में स्थापित मंदिर का दर्शन व पूजन करते हुए जैन श्वेतांबर सोसायटी में प्रवेश करवाया गया. वहां के भोमियाजी का मंदिर, शांवलिया मूल मंदिर, शत्रुजंय मंदिर, गुरु मंदिर आदि का दर्शन पूजन कर मांगलिक प्रसंग करते हुए पैदल संघ का समापन करते हुए यात्रा को समाप्त किये.
बताया कि पैदल यात्रा संघ में पधारे साधु-संत व श्रावक-श्राविका बुधवार को 20 तीर्थकरों के निर्वाण स्थल पारसनाथ पर्वत की यात्रा व वंदना के लिए जायेंगे तथा 14 मार्च को संघपतियों का सम्मान होगा. संघ के स्वागत के लिए संस्था के ट्रस्टी अजयजी बोथरा, संजयजी बदलिया, महाप्रबंधक दीपक बैगानी, प्रबंधक संजीव कुमार पाण्डेय, नीलकंठ महतो, गिरधारी सिंह, संजय सिन्हा, शशिकांत प्रसाद, भोला श्रीवास्तव, मनोज श्रीवास्तव, बलदेव सिंह, बलिराम सिंह, केडी सिंह, गुंजन बक्शी, अमित गौतम, कृष्ण बल्लभ सहाय, शोभा महतो, शैलेंद्र सिंह विक्की, संजय गुप्ता आदि मौजूद थे.